Hindi, asked by StarTbia, 1 year ago

निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर सुचना क़े अनुसार कृतिंयाँ कीजिए :-
हर किसी को आत्मरक्षा करनी होगी, हर किसी को अपना कर्त्तव्य करना होगा । मैं किसी की
सहायता की प्रत्याशा नहीं करता। मैं किसी का भी प्रत्याह नहीं करता । इस दुनिया से मदद
की प्रार्थना करने का मुझे कोई अधिकार नहीं है । अतीत में जिन लोगों ने मेरी मदद की है या
भविष्य में भी जो लोग मेरी मदद करेंगे, मेरे प्रति उन सबकी करुणा मौजूद है, इसका दावा कभी
नहीं किया जा सकता । इसलिए मैं सभी लोगों क़े प्रति चिर कृतज्ञ हूँ । तुम्हारी परिस्थिति इतनी
बुरी देखकर मैं बेहद चिंतित हूँ । लेकिन यह जान लो कि -' तुमसे भी ज्यादा दुखी लोग लोग इस
संसार में हैं । मैं तुमसे भी ज्यादा बुरी परिस्थिति में हूँ ।इंग्लैंड में सब कुछ के लिए मुझे अपनी
ही जेब से खर्च करना पड़ता है । आमदनी कुछ भी नहीं है । लंदन में एक कमरे का किराया हर
सप्ताह के लिए तीन पाउंड होता है । ऊपर से अनय कई खर्च हैं । अपनी तकलीफ के लिए मैं किससे
शिकायत करूँ? यह मेरा अपना कर्मफल है, मुझे ही भुगतना होगा ।'
(विवेकानंद की आत्मकथा से)
कृति पूर्ण कीजिए :

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Answered by shailajavyas
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१} लेखक इंग्लैंड में है और उन्हें सब कुछ अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है । कमरे का किराया तीन पाउंड है | ऊपर से लेखक { स्वामी विवेकानंद } को कई खर्चे भी करने पड़ते हैं उन्होंने कहा है कि अपनी तकलीफों की शिकायत मैं किससे कर सकता हूं क्योंकि यह मेरा कर्म फल है तो मुझे ही भुगतना पड़ेगा।

लेखक इनके प्रति कृतज्ञ हैं -- वस्तुतः वे सभी लोगो के प्रति कृतज्ञ हैं उनके अनुसार अतीत में जिन लोगों ने उनकी मदद की या भविष्य में भी जो लोग उनकी मदद करेंगे जिनकी करुणा लेखक { स्वामी विवेकानंद } के प्रति मौजूद हैं |

Answered by gamarereshma9
3

Answer:

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