। निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए- दृढ़ता,
संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का
भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।
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टिप्पणियाँ...
दृढ़ता ➲ दृढ़ता पदार्थ का वो गुण है, जो पदार्थ के कणों के बीच के रिक्त स्थान को प्रदर्शित करता है। पदार्थ के बीच के कणों के बीच का स्थान जितना कम स्थान होगा वो पदार्थ उतना ही अधिक दृढ़ होगा। ठोस पदार्थो की दृढ़ता सबसे अधिक होती है। द्रव की उससे कम और गैस की सबसे कम दृढ़ता होती है।
संपीड्यता ➲ किसी पदार्थ के संपीड्यता से तात्पर्य उस पदार्थ पर पड़ने वाले दाब के प्रभाव को प्रदर्शित करता है। किसी बाहरी दाब के कारण पदार्थ को जितना दबाया जा सकता हो वो उसकी संपीड्यता होती है। अधिक दबाया जा सकने वाले पदार्थ की संपीड्यता उतनी ही अधिक होती है। गैस पदार्थों की संपीड्यता सबसे अधिक होती है, द्रव की उससे कम और ठोस की सबसे कम होती है।
तरलता ➲ द्रव पदार्थों के बहने के गुण को तरलता कहते हैं। तरलता का गुण केवल द्रवीय पदार्थो में पाया जाता है। द्रव पदार्थ ऊपर से नीचे की ओर बहते हैं।
बर्तन में गैस का भरना ➲ गैस के कणों के बीच काफी रिक्त स्थान रहता है। इन रिक्त स्थानों में गैस के कारण गतिज ऊर्जा के साथ गति करते रहते हैं। गैस को किसी बर्तन में भरे जाने पर गैस के यह काम बर्तन का पूरा स्थान घेर लेते हैं।
आकार ➲ किसी भी पदार्थ का आकार उस पदार्थ के कणों के बीच स्थापित अंतर-आणविक आकर्षण बल के ऊपर निर्भर होता है। यदि पदार्थ के कणों के बीच अंतर-आणविक आकर्षक बल अधिक होगा तो पदार्थ का एक निश्चित आकार होगा। यदि यही अंतर-आणविक आकर्षक बल कमजोर होगा या नगण्य में होगा तो पदार्थ का आकार निश्चित नहीं होगा। ठोस पदार्थों के कणों के बीच अंतर-आणविक बल आकर्षक बल अधिक होने के कारण उनका आकार निश्चित होता है तथा द्रव एवं गैस पदार्थों के कणों का अंतर-आणविक बल कमजोर या नगण्य होने के कारण उनका आकार अनिश्चित होता है।
गतिज ऊर्जा ➲ किसी भी पदार्थ के कणों के गतिशील होने की क्रिया गतिज ऊर्जा कहलाती है। पदार्थ के कण सदैव गतिशील अवस्था में रहते हैं। ठोस पदार्थों के कण कम गतिशील होते हैं, जबकि द्रव एवं गैस पदार्थों के कण अधिक गतिशील होते हैं। इस कारण इन पदार्थों में ठोस के मुकाबले अधिक गतिज ऊर्जा होती है। पदार्थ का ताप बढ़ने पर गतिज ऊर्जा बढ़ती जाती है।
घनत्व ➲ पदार्थ के घनत्व से तात्पर्य पदार्थ के द्रव्यमान और पदार्थ के आयतन के भाग से होता है। ठोस पदार्थों का घनत्व सबसे अधिक, द्रव पदार्थ का मध्यम और गैस पदार्थ का सबसे कम होता है।
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Answer:-दृढ़ता: जब किसी पदार्थ पर हम बल लगाते हैं तो उसके आकार में परिवर्तन होता है। इनमें से कुछ पदार्थ बल हटाने पर अपने पुराने आकार में आ जाते हैं। पदार्थ के इस गुण को दृढ़ता कहते हैं।
संपीड्यता: बल लगाने पर कुछ पदार्थों के आकार में अत्यधिक परिवर्तन होता है। पदार्थ के इस गुण को संपीड्यता कहते हैं। उदाहरण: लोहे की तुलना में रबड़ में अधिक संपीड्यता होती है।
तरलता: कुछ पदार्थों में बहाव होता है जिसके कारण वे पात्र का आकार ले लेते हैं। पदार्थ के इस गुण को तरलता कहते हैं। द्रव और गैस में तरलता होती है।
बर्तन में गैस का भरना: जब किसी बर्तन में गैस भरी जाती है तो वह गैस बर्तन में उपस्थित पूरी जगह ले लेती है। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो गैस का आयतन बर्तन के आयतन के बराबर हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि गैस के कणों के बीच अत्यधिक रिक्त स्थान होता है और कणों की गतिज ऊर्जा अधिकतम होती है।
आकार: कुछ पदार्थों का आकार निश्चित होता है जबकि अन्य का आकार अनिश्चित होता है। ठोस का आकार निश्चित होता है जबकि द्रव और गैस का आकार अनिश्चित होता है।
गतिज ऊर्जा: किसी भी वस्तु में उसकी गति के कारण विद्यमान ऊर्जा को उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं। पदार्थों के कणों में गतिज ऊर्जा रहती है, जो कि ठोस में सबसे कम और गैस में सबसे अधिक रहती है।