Hindi, asked by shamycool5717, 9 months ago

निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए—
बुरौ बुराई जौ तजै, तौ चितु खरौ डरातु ।
ज्याँ निकलंकु मयंकु लखि, गनैं लोग उतपातु ।।

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Answered by bhatiamona
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निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या और उसका काव्यगत-सौन्दर्य  स्पष्ट -

बुरौ बुराई जौ तजै, तौ चितु खरौ डरातु ।

ज्याँ निकलंकु मयंकु लखि, गनैं लोग उतपातु ।।

प्रसंग: प्रस्तुत दोहे में यह तथ्य उद्घाटित किया गया है की बुरे व्यक्ति छोड़ भी दे तो भी लोग उस पर शंका करते है|

व्याख्या :

दुर्जन यदि अपनी दुर्जनता का परित्याग कर भी देता है , तब भी सच्चे लोग सज्जन उस पर शंका करते रहते है| उदाहरण के लिए , निष्कलंक चन्द्रमा को देखकर भी लोग कसी उत्पात की आशंका से ग्रस्त रहते है|

काव्य सौंदर्य:

दोहा छंद में प्रसिद्ध उक्ति का निरूपण|

अनुप्रास अलंकार की छटा दृष्टय है |

विषयानुकूल भावाभिव्यक्ति करने में समर्थ भाषा का प्रयोग हुआ है|  

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निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए—

अगर धीरे चलो

वह तुम्हें छू लेगी

दौड़ो तो छूट जाएगी नदी

अगर ले लो साथ

वह चलती चली जाएगी कहीं भी

यहाँ तक-कि कबाड़ी की दुकान तक भी।

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