Hindi, asked by rachel6737, 11 months ago

निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए—
यहीं कहीं पर बिखर गयी वह, भग्न विजय-माला-सी ।
उसके फूल यहाँ संचित हैं, है यह स्मृति-शाला-सी ।।
सहे वार पर वार अंत तक, लड़ी वीर बाला-सी ।
आहुति-सी गिर चढ़ी चिता पर, चमक उठी ज्वाला-सी ।।

Answers

Answered by bhatiamona
0

निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए—

सन्दर्भ प्रस्तुत काव्य-पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक हिंदी के काव्य खण्ड में संकलित श्रीमती सुभद्राकुमारी चोहान की कविता झाँसी की रानी की समाधि पर शीर्षक से अवतरित है| यह कविता उनके त्रिधारा नमक काव्य-संग्रह से ली गई है|

प्रसंग : इन पंक्तियों में रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उनके प्रति भावपूर्ण श्रदांजली अर्पित की गई है |

व्याख्या : यह छोटी सी समाधि लक्ष्मीबाई के महान त्याग और देश भक्ति की निशानी है| यही स्थान रानी की जीवन-लीला का अंतिम स्थल है , जहाँ रानी के पुरुषों जैसी वीरता का प्रदर्शन कर स्वयं का बलिदान किया था| रानी के इस महान त्याग ने अग्नि में आहुति का काम किया , जिससे लोग अधिक उत्साह से स्वतंत्रता-संग्राम में भाग लेने लगे और रानी की कीर्ति चारों और फ़ैल गई|

काव्यगत-सौन्दर्य

  • कवयित्री ने रानी लक्ष्मी बाई की वीरता और बलिदान की गोरवगाथा का गान किया है|
  • भाषा सरल सुबोध खड़ी बोली |
  • शैली-ओजपूर्ण आख्यानक गति शैली |
  • रस-वीर  
  • छंद-तुकांत-मुक्त  
  • गुण-प्रसाद और ओज |

Read more

https://brainly.in/question/15930000

निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए—

सेना-नायक राणा के भी,

रण देख देखकर चाह भरे ।

मेवाड़ सिपाही लड़ते थे

दूने तिगुने उत्साह भरे ।।

क्षण मार दिया कर कोड़े से,

रण किया उतर कर घोड़े से ।

राणा रण कौशल दिखा-दिखा,

चढ़ गया उतर कर घोड़े से ।।

क्षण भीषण हलचल मचा-मचा,

राणा-कर की तलवार बढ़ी ।

था शोर रक्त पीने का यह

रण चण्डी जीभ पसार बढ़ी ।।

Similar questions