निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए–
प्रत्यक्षे गुरवः स्तुत्याः परोक्षे मित्र-बान्धवाः ।
कर्मान्ते दास-भृत्याश्च पुत्रा नैव च नैव च ।।
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HINDI :- वास्तविक गौरव: प्रशंसा: अप्रत्यक्ष मित्रता।
वास्तविक गौरव: प्रशंसा: अप्रत्यक्ष मित्रता।कर्मन्ते दास-भृतीश पुत्र नायव च नायव च। 123,373
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