निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिए और काव्यगत सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए—
पंचवटी की छाया में है सुन्दर पर्ण-कुटीर बना,
उसके सम्मुख स्वच्छ शिला पर धीर वीर निर्भीक मना ।
जाग रहा यह कौन धनुर्धर जब कि भुवन-भर सोता है ?
भोगी कुसुमायुध योगी-सा बना दृष्टिगत होता है ।।
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