Hindi, asked by Vinodpriyaverma, 3 months ago

.. निम्नलिखित श्लोकांश का हिंदी में अर्थ लिखे
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न् मनोरथैः।​

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Answered by anushkaborasi9
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Answer:

ʕ•ᴥ•ʔ

Explanation:

उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः। न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा: ।। अर्थात:- उद्यम, यानि मेहनत से ही कार्य पूरे होते हैं, सिर्फ इच्छा करने से नहीं। जैसे सोये हुए शेर के मुँह में हिरण स्वयं प्रवेश नहीं करता बल्कि शेर को स्वयं ही प्रयास करना पड़ता है

ʜᴏᴘᴇ ɪᴛs ʜᴇʟᴘ ᴜ♡︎

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