निम्नलिखित शब्दों को समझिए तथा परिभाषित कीजिए-(i) संघ (ii) वर्ग (iii) कुल (iv) गण (v) वंश
Answers
1. संघ - ऐसे गण जो आपस में समानता रखते है, उन्हें एक संघ में रखा जाता है अथवा ऐसे गणो का समूह जो आपस में समान गुण साझा करते है।
उदहारण- कशेरुकी एक ऐसा संघ है, जिसमें उभयचर, मत्स्य और सरीसृप आते है।
2. वर्ग - समान गुण वाले गणों को एक ही वर्ग में रखा जाता है।
उदा. स्तनधारियों में शेर बिल्ली आदि को बन्दर व गोरिल्ला के साथ ही रखा जाता है ।
3. कुल- एक ऐसा समूह जहाँ सभी सामान गुणों वाले वंशो को रखा जाता है
उदा. आलू टमाटर व बैंगन में कई गुण सामान होते है,अतः इन्हे एक ही कुल सोलेनेसी में रखा गया है।
4.गण - ऐसे कुलो का समूह जिनमें कई गुण सामान होते है।
उदा. मांसभक्षी गण में कुत्ते, बिल्ली और शेर रखे जाते है,जबकि शेर व बिल्ली फिलेडी तथा कुत्ते केनीडी
कुल के है ।
5.वंश - ऐसी जातियों का समूह जिनमें समान गुण हों,तथा इसका वर्गीकरण में बहुत महत्व है।
द्वि-नाम-पद्दति में बिना वंश के जाती को नाम नहीं दिया जा सकता है।
उदा. मानव का वंश "होमो" है।
Answer:
(i) संघ (Phylum): जन्तुओं में समान गुणा वाल वर्गा (class) की एक संघ (phylum) में रखा जाता है, जैसे-मत्स्य सरीसृप, उभयचर पक्षी (aves) तथा स्तनधारी जंतुओं को ही संघ कॉर्डटा (chordata) में रखा गया है। इन सभी जंतुओं में रीढ़ की हड्डी उपस्थित होती है।
(ii) वर्ग (Class): समान गुणो वाल गण (order) का एक बर्ग (class) में रखा जाता है।
(iii) कल (Family): समान गुणा वाल समा वशी (genus) का एक कुल या कुटुम्ब (family) में रखते हैं। जैसे - आलू बैंगन तथा टमाटर में कई गुण समान होते हैं अतः इन्हें एक ही कुल सोलेनेसी (Solanaceae) में रखा गया है।
(IV) गण (Order): समान गुणों वाले कुलों को एक गण (order) में रखा जाता है। उदाहणार्थकुत्ता, बिल्ली तथा चीता को एक ही ऑर्डर कार्निवोरा (carnivora) में रखा गया है। इसी प्रकार पधा में कानवाल्वुलेसी (convolvulaceac) तथा सोलेनसी (solanaceae) कुल को पुष्पीय गुणों के आधार पर एक गण पॉलीमोनिएल्स (polemoniales) में रखा गया है।
(v) वंश (Genus): वर्गीकरण में वंश का बहुत महत्त्व है। वंश, समान स्पीशीज का एक समूह है। द्विपद-नाम पद्धति (binomial nomenclature) के अनुसार किसी भी स्पीशीज को तब तक कोई नाम नहीं दिया जा सकता जब तक कि वह किसी वंश के साथ न हो।
Explanation:
प्रायः एक वंश की जाति के गुणों में काफी समानता होती है। सामान्य गुणों के ऐसे समूह को सह-सबंधित गुण (correlatcd characters) कहते हैं। ऐसी जातियों को एक वंश के अन्तर्गत रखा जाता है। एक वंश के अन्दर कई जाति हो सकती हैं, जैसे-मँजीफेरा (Mangifera) आम का वंश, जिसके अन्तर्गत 35 जातियों को रखा गया है। मैजीफेरा इंडिका (Mangifera indica) इन 35 जातियां में से एक जाति है।
एक वंश के अन्तर्गत केवल एक जाति भी हो सकती है। ऐसे वंश, जिनमें केवल एक ही जाति होती है मोनोटिपिक जीनस (monotypic genus) कहलाते हैं। जैसे वंश जिंगो (Ginkgo) में केवल एक जाति है - जिंगा बाइलोबा (Ginkgo biloba)।
(i) संघ (Phylum): जन्तुओं में समान गुणा वाल वर्गा (class) की एक संघ (phylum) में रखा जाता है, जैसे-मत्स्य सरीसृप, उभयचर पक्षी (aves) तथा स्तनधारी जंतुओं को ही संघ कॉर्डटा (chordata) में रखा गया है। इन सभी जंतुओं में रीढ़ की हड्डी उपस्थित होती है।
(ii) वर्ग (Class): गण प्राइमेटा (order primata) में गोरिल्ला, बदर, चिम्पजा औदि की एक ही वर्ग मैमेलिया (mammalia) में चीता , कुत्ता , बकरी आदि के साथ रखा गया है, क्योंकि ये सभी स्तनधारी श्रेणी में रखे गए हैं।
(iii) कुल को वर्धी (vegetative) तथा जननीय लक्षणों (reproductive characters) के आधार पर विशेषीकरण (characterization) किया जाता है उदाहणार्थ शेर, तंदुआ तथा बाघ को वंश पेंथेरा (Panthera) में बिल्ली (Felis) के साथ कुल फेलिडी (Felidae) में रखा गया है। इसी प्रकार बिल्ली और कुत्ता में कुछ समानताएँ तथा कुछ असमानतायें होती है। अत: इन्ह दो अलग-अलग कुलों क्रमश: फेलिडी (Felidac) तथा कैनिडी (Canidae) में रखा गया है।
(IV) गण (Order): समान गुणों वाले कुलों को एक गण (order) में रखा जाता है। इसी प्रकार पधा में कानवाल्वुलेसी (convolvulaceac) तथा सोलेनसी (solanaceae) कुल को पुष्पीय गुणों के आधार पर एक गण पॉलीमोनिएल्स (polemoniales) में रखा गया है।
(v) वंश (Genus): वर्गीकरण में वंश का बहुत महत्त्व है। वंश, समान स्पीशीज का एक समूह है। द्विपद-नाम पद्धति (binomial nomenclature) के अनुसार किसी भी स्पीशीज को तब तक कोई नाम नहीं दिया जा सकता जब तक कि वह किसी वंश के साथ न हो।