निम्नलिखित दोहे के संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए-
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ धड़ा, ऋतु आए फल होय ।।
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Answer:
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।
अर्थ : मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है. अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींचने लगे तब भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेगा !धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।
अर्थ : मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है. अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींचने लगे तब भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेगा !
Explanation:
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Answer:
इस दोहे का अर्थ यह है कि हरेक कार्य धीरज रखने से ही पूरा होता है, व्याकुल होने से नहीं। जैसे माली के सो घड़ा पानी से सींचे जाने के बाद भी फल तभी आता है जब उसका अनुकूल ऋतु आता है।