Hindi, asked by seemadeshmukhhemant, 1 month ago

निम्नलिखित विषयों पर 100-150 शब्दों में अनुच्छेद-रचना कीजिए- (क) राष्ट्र का गौरव​

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Answered by shailitiwari30
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Answer:

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Explanation:

देश में व्यक्तिगत स्तर के विकास को बढ़ाने के लिये भारत में राष्ट्रीय एकीकरण का बहुत महत्व है और ये इसे एक मजबूत देश बनाता है। पूरी तरह से लोगों को इसके प्रति जागरूक बनाने के लिये, 19 नवंबर से 25 नवंबर तक राष्ट्रीय एकता दिवस और राष्ट्रीय एकीकरण सप्ताह (अर्थात् कौमी एकता सप्ताह) के रुप में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का जन्म दिवस 19 नवंबर को प्रतिवर्ष एक विशेष कार्यक्रम के रुप में मनाया जाता है।

भारतीय एकता का आधार

भारत विश्व का एक विशाल देश है। इस विशालता के कारण इस देश में हिन्दू, मुस्लिम, जैन, ईसाई, पारसी तथा सिक्ख आदि विभिन्न धर्मों तथा जातियों एवं सम्प्रदायों के लोग रहते हैं। अकेले हिन्दू धर्म को ही ले लीजिए। यह धर्म भारत का सबसे पुराना धर्म है जो वैदिक धर्म, सनातन धर्म, पौराणिक धर्म तथा ब्रह्म समाज आदि विभिन्न मतों सम्प्रदायों तथा जातियों में बंटा हुआ है। लगभग यही हाल दूसरे धर्मों का भी है। कहने का मतलब यह है कि भारत में विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों जातियों तथा प्रजातियों एवं भाषाओं के कारण आश्चर्यजनक विलक्षणता तथा विभिन्नता पाई जाती है।

निष्कर्ष

भारत एक ऐसा देश है जहाँ लोग विभिन्न धर्म, क्षेत्र, संस्कृति, परंपरा, नस्ल, जाति, रंग और पंथ के लोग एक साथ रहते हैं। इसलिये, राष्ट्रीय एकीकरण बनाने के लिये भारत में लोगों का एकीकरण जरूरी है। एकता के द्वारा अलग-अलग धर्मों और संस्कृति के लोग एक साथ रहते हैं, वहाँ पर कोई भी सामाजिक या विचारात्मक समस्या नहीं होगी। भारत में इसे विविधता में एकता के रुप में जाना जाता है हालाँकि ये सही नहीं है लेकिन हमें (देश के युवाओं को) इसे मुमकिन बनाना है।

भारत में, हर साल 19 नवंबर को एक बहुत जरूरी सामाजिक कार्यक्रम के रुप में राष्ट्रीय एकीकरण दिवस को देखा जाता है। राष्ट्रीय एकीकरण के बारे में लोगों के बीच अधिक जागरूकता फैलाने के लिये 19 से 25 नवंबर तक राष्ट्रीय एकीकरण सप्ताह के रुप में वार्षिक तौर पर देखे जाने के लिये भारतीय सरकार द्वारा एक पूरे सप्ताह का कार्यक्रम भी लागू किया गया है।

भारत एक ऐसा देश है जो अपने विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं, नस्ल, धर्मों, जाति और पंथ के जाना जाता है। लेकिन इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि यहाँ निवास कर रहे लोगों की सोच में विविधता के कारण ये अभी भी विकासशील देशों में आता है। यहाँ रह रहे लोग अपनी संस्कृति और धर्म के अनुसार अलग-अलग सोचते हैं जो व्यक्तिगत और देश के विकास को रोकने का एक बड़ा कारण हैं।

राष्ट्रीय एकता के लिए शिक्षा का कार्यक्रम

ऊपर दी गयी बातों को ध्यान में रखते हुए हमें स्कूलों में इस प्रकार की शैक्षिक कार्यक्रम तैयार करना चाहिये जिसमें प्रत्येक बालक राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत हो जाये। निम्नलिखित पंक्ति में हम विभिन्न स्तरों के शैक्षिक कार्यक्रम पर प्रकाश डाल रहें हैं –

प्राथमिक स्तर बाल- दिवस, शिक्षक-दिवस तथा महापुरुषों के जन्म दिवस मनाये जायें और महान व्यक्तियों के जीवन से परिचित कराया जाये।

माध्यमिक स्तर - बालकों को भारत के आर्थिक विकास का ज्ञान कराकर उनमें राष्ट्रीय चेतना विकसित की जाये और राष्ट्रीयता के सम्बन्ध में महापुरुषों के व्याख्यान कराये जायें।

विश्वविद्यालय स्तर - समय-समय पर अध्ययन बैठक तथा विचार बैठक आयोजित की जायें। इन बैठकों में विभिन्न विश्वविद्यालय के बालकों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाये।

निष्कर्ष

भारत अपनी विविधता में एकता के लिये प्रसिद्ध है लेकिन विकास के लिये हमें एक-दूसरे के विचारों को स्वीकार करना होगा। हमारे देश में सभी मानते हैं कि उनका धर्म ही सबसे बेहतर है और जो भी वो करते हैं वही सबसे ठीक है। अपने खुद के फायदे के लिये केवल खुद को अच्छा साबित करने के लिये यहाँ रह रहे विभिन्न नस्लों के लोग आपस में शारीरिक, भावनात्मक, बहस और चर्चा आदि के द्वारा लड़ते हैं। अपने देश के बारे में एक साथ होकर वो कभी नहीं सोचते हैं। ऐसा करके ना सिर्फ वह राष्ट्रीय एकता पर आघात करते हैं बल्कि हमारे देश की प्रगति को भी रोकते हैं।

लोगों की एकता” के रुप में भारत की एक पहचान बनाने के लिये अलग धर्मों के लोगों के बीच एकता को लाने के लिये राष्ट्रीय एकीकरण एक प्रक्रिया है। समन्वय और एकता की मजबूती के साथ ही समाज में असमानता और दूसरे सामाजिक मुद्दे जैसे विविधता, नस्लीय भेद-भाव आदि को हटाने के लिये ये एक और एकमात्र रास्ता है। भारत एक बहु-जातीय और बहु-भाषीय देश है जहाँ विभिन्न जाति के लोग एक साथ रहते हैं और अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं। वो अपनी प्रथा और परंपरा अपने धर्म के अनुसार निभाते हैं। भारत में लोगों के बीच केवल धर्म, जाति, पंथ, रंग और संस्कृति से ही विविधता नहीं है बल्कि सोच में भी विविधता दिखाई देती है जो भारत में अनुचित विकास का एक बड़ा विषय है।

राष्ट्रीय एकता का अर्थ

एकता का साधारण अर्थ होता है मिल-जूल कर कार्य करना। राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है। एकता का महत्व मनुष्य को तभी पता चलता है जब वो बिलकुल आदिम अवस्था में होता है। राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का बना रहना। राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक समीपता ही महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक,बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की समानता आवश्यक है।

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