Hindi, asked by yraj76940, 5 months ago

निम्नलिखितविषय पर 100 शब्दों में निबंध लिखिए
यदि मैं नेता होता तो ​

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Answered by Abhinavkhushwaha
20

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hope it's help u please follow me

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Answered by Anonymous
12

Answer:

प्रस्तावना- मैं समझता हूँ कि हमारे देश में राजनीतिज्ञ का उच्च पद होता है। यदि मैं राजनीतिज्ञ बन जाऊँ तो मैं भी इसी प्रतिष्ठा को पा जाऊँगा।

घृणा योग्य वर्ग- वर्तमान समय में भारत के राजनीतिज्ञों को घृणा योग्य एवं संदेह की दृष्टि से देखा जाता है और उनमें विश्वास नहीं किया जाता है। भारत में राजनीतिज्ञों की यह छवि किसी से नहीं छुपी है इसलिए यदि मैं नेता होता तो सर्वप्रथम लोगों के मस्तिष्क से यह शंका दूर करने का प्रयत्न करता। मेरा मानना है की राजनीतिज्ञ एक जिम्मेदार व्यक्ति होता है जिसके हाथ में देश का भविष्य होता है अतः अगर मैं नेता होता तो अपने अधिकारों का प्रयोग देश के व जनता के हित में करता।

राजनीतिज्ञ के रूप में मेरे विचार- यदि मैं भारतीय राजनीतिज्ञ होता तो मैं सबसे संतुष्ट व्यक्ति होता। मैं लोगों के कल्याण के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करता। जो लोग मुझे चुनाव में जिताते में उनके लिए उन्नति करता। मैं अपनी सेवा न कर जन-साधारण की सेवा करता। मेरी प्रथम प्राथमिकता श्रमिक वर्ग को समाज में उच्च स्थान दिलाने की होती। वे ही मुझे सबसे अधिक सम्मान देते।

प्रथम लक्ष्य– मेरा प्रथम लक्ष्य समाज में व्याप्त अनेक बुराइयों को निकालना होता और राजनीति में व्याप्त अनेक बीमारियों को निकालता। समाज में भाई-चारा बनाने का प्रयत्न करता। मैं जनसमूह का पूरा ध्यान रखता। मैं जातिगत छूआछूत को समाज से दूर करने का प्रयत्न करता।

राजनीतियों का कार्य- मेरा अगला लक्ष्य अपने कार्य में अधिक से अधिक सुधार करना होता। मैं पूरे वर्ष अपना समय निर्वाचन क्षेत्र में रहने वाले मतदाताओं के साथ व्यतीत करता। क्योंकि ये वो लोग होते जिनके कारण मुझे समाज में यह प्रतिष्ठा और सम्मान मिलता। यही लोगों के समर्थन से मैं जीतता। मैं उनके साथ रहता, उनकी आवश्यकताओं को समझता और उनकी आवश्यकताओं को पूर्ण करता।

देश के प्रति सेवा- इसके अतिरिक्त, मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ अपने देश की भी सेवा करता। मैं उन लोगों की सेवा करना नहीं भूलता जिन्होंने मुझे राजनीतिज्ञ का पद दिलाया है। यदि मेरा यही दृष्टिकोण रहा तो चुनाव में मैं बार-बार जीतता।

उपसंहार- मुझे लगता है कि भारत के राजनीतिज्ञ यदि निष्ठावान, सत्य और देशभक्त हो जाएँ तो हमारे देश की उन्नति को कोई नहीं रोक सकता है। यह जब सम्भव है जब नेता शत प्रतिशत देश में योगदान दें।

 

प्रस्तावना- मैं समझता हूँ कि हमारे देश में राजनीतिज्ञ का उच्च पद होता है। यदि मैं राजनीतिज्ञ बन जाऊँ तो मैं भी इसी प्रतिष्ठा को पा जाऊँगा।

घृणा योग्य वर्ग- वर्तमान समय में भारत के राजनीतिज्ञों को घृणा योग्य एवं संदेह की दृष्टि से देखा जाता है और उनमें विश्वास नहीं किया जाता है। भारत में राजनीतिज्ञों की यह छवि किसी से नहीं छुपी है इसलिए यदि मैं नेता होता तो सर्वप्रथम लोगों के मस्तिष्क से यह शंका दूर करने का प्रयत्न करता। मेरा मानना है की राजनीतिज्ञ एक जिम्मेदार व्यक्ति होता है जिसके हाथ में देश का भविष्य होता है अतः अगर मैं नेता होता तो अपने अधिकारों का प्रयोग देश के व जनता के हित में करता।

राजनीतिज्ञ के रूप में मेरे विचार- यदि मैं भारतीय राजनीतिज्ञ होता तो मैं सबसे संतुष्ट व्यक्ति होता। मैं लोगों के कल्याण के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करता। जो लोग मुझे चुनाव में जिताते में उनके लिए उन्नति करता। मैं अपनी सेवा न कर जन-साधारण की सेवा करता। मेरी प्रथम प्राथमिकता श्रमिक वर्ग को समाज में उच्च स्थान दिलाने की होती। वे ही मुझे सबसे अधिक सम्मान देते।

प्रथम लक्ष्य– मेरा प्रथम लक्ष्य समाज में व्याप्त अनेक बुराइयों को निकालना होता और राजनीति में व्याप्त अनेक बीमारियों को निकालता। समाज में भाई-चारा बनाने का प्रयत्न करता। मैं जनसमूह का पूरा ध्यान रखता। मैं जातिगत छूआछूत को समाज से दूर करने का प्रयत्न करता।

राजनीतियों का कार्य- मेरा अगला लक्ष्य अपने कार्य में अधिक से अधिक सुधार करना होता। मैं पूरे वर्ष अपना समय निर्वाचन क्षेत्र में रहने वाले मतदाताओं के साथ व्यतीत करता। क्योंकि ये वो लोग होते जिनके कारण मुझे समाज में यह प्रतिष्ठा और सम्मान मिलता। यही लोगों के समर्थन से मैं जीतता। मैं उनके साथ रहता, उनकी आवश्यकताओं को समझता और उनकी आवश्यकताओं को पूर्ण करता।

देश के प्रति सेवा- इसके अतिरिक्त, मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ अपने देश की भी सेवा करता। मैं उन लोगों की सेवा करना नहीं भूलता जिन्होंने मुझे राजनीतिज्ञ का पद दिलाया है। यदि मेरा यही दृष्टिकोण रहा तो चुनाव में मैं बार-बार जीतता।

उपसंहार- मुझे लगता है कि भारत के राजनीतिज्ञ यदि निष्ठावान, सत्य और देशभक्त हो जाएँ तो हमारे देश की उन्नति को कोई नहीं रोक सकता है। यह जब सम्भव है जब नेता शत प्रतिशत देश में योगदान दें।

 

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