Hindi, asked by aniketmahajan2007, 10 hours ago

नान प्रश्न 1 दिए गए गद्दयांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर लिखिए। चरित्र का मूल भी भावों के विशेष प्रकार के संगठन में ही समझना चाहिए। लोकरक्षा और लोक- रंजन की मार व्यवस्था का ढाँचा इन्हीं पर ठहराया गया है। धर्म- शासन , मत-शासन–सबमें इनसे पूरा काम लिया गया। इनका सदुपयोग भी हुआ है और दुरुपयोग भी। जिस प्रकार लोक- कल्याण के व्यापक उद्देश्य की सिद्धि के लिए मनुष्य के मनोविकार काम में लाए गए है. प्रकार संप्रदाय या संस्था के संकुचित और परिमित विधान की सफलता के लिए भी। सब प्रकार के शासन में धर्म-शासन हो , चाहे राज- शासन , मनुष्य - जाति से भय और लोभ से पूरा काम लिया जाता है। दंड का भय अनुग्रह का लोभ दिखाते हुए राज शासन तथानरक का भय और स्वर्ग का लोभ दिखाते हुए धर्म शासन और शासन चलते आरहे हैं। इसके द्वारा भय और लोभ का प्रवर्तन सीमा के बाहर भी प्राय: हुआ है और होता रहन वा अ स

all the ans paragraph plz​

Answers

Answered by sanjuyadav00
1

Explanation:

नज़रों से देखो तोह आबाद हम हैं

दिल से देखो तोह बर्बाद हम हैं

जीवन का हर लम्हा दर्द से भर गया

फिर कैसे कह दें आज़ाद हम हैं

Answered by rajkapurbhardwaj02
3

Answer:

Question kaha hai

Explanation:

Please mark me as Brainliest and said Thanks ❣️❣️❣️

Similar questions