Political Science, asked by Risika9757, 8 months ago

नेपाल में संसद की बहाली किस वर्ष हुई?
(क) 2004
(ख) 2005
(ग) 2006
(घ) 2007

Answers

Answered by heroboy53
0

Answer:

ur answer is 2006 its help u .....thnks mark me as brainlist

Answered by roopa2000
0

Answer:

नेपाल में संसद की बहाली -24 अप्रैल 2006 को हुई

जन आंदोलन '(पीपुल्स मूवमेंट) आधिकारिक तौर पर 18 फरवरी, 1990 को शुरू हुआ, जो नेपाल में लोकतंत्र दिवस है। आंदोलन को रोकने के लिए, सरकार ने 17 फरवरी, 1990 को नेकां और यूएलएफ दोनों के राष्ट्रीय और जिला स्तर के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया और सभी विपक्षी समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगा दिया।

Explanation:

नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय ने संसद को दूसरी बार भंग करने के विकल्प को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने संसद को भंग करने के बाद उसे बहाल करने के लिए मतदान किया।

1990 पीपुल्स मूवमेंट (नेपाली: 2046 जनआन्, रोमानी: 2046 जन आंदोलन) नेपाल में एक बहुदलीय आंदोलन था जिसने पूर्ण राजशाही और संवैधानिक राजतंत्र की शुरुआत की। इसने पंचायत व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया।

इस आंदोलन को विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच एकता द्वारा चिह्नित किया गया था। न केवल विभिन्न कम्युनिस्ट पार्टियों ने संयुक्त वाम मोर्चा (ULF) में एक साथ समूह बनाया, बल्कि उन्होंने नेपाली कांग्रेस (NC) जैसी पार्टियों के साथ भी सहयोग किया। इस एकता का एक परिणाम नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) का गठन था।

मोतिहारी। मंगलवार की देर रात नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने संसद को बहाल करने का फैसला किया। फैसले के बारे में पता चलते ही नेपाली विपक्षी दलों में खुशी की लहर दौड़ गई। कोर्ट के फैसले का जश्न मनाने के लिए रक्सौल अनुमंडल से सटे पर्सा और बारा इलाके में लोगों ने दीप जलाए. अन्य स्थानों के अलावा, एनसीपीए प्रचंड-माधव समूह ने राष्ट्रीय युवा संघ और छात्र समूहों के पास दीप प्रज्ज्वलित किए। मधेश्वरी पार्टियों के एक प्रमुख प्रतिनिधि जुबेर आलम ने कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। प्रदेश कमेटी के सदस्य छोटेलाल यादव, रामदर्श कुशवाहा, रामबाबू बैठा, जिला सदस्य प्रभाकर गुप्ता, समीर आलम, टुनटुन तिवारी और सुरेंद्र गुप्ता, युवा संघ की केंद्रीय कमेटी के सदस्य अरुण यादव, केंद्रीय कमेटी के सदस्य शिवम साह, और युवा वीरगंज महानगर के यूनियन अध्यक्ष उमेश ठाकुर व अन्य फरार हो गए। कार्यक्रम का नेतृत्व युवा संघ नगर प्रतिनिधि पिंटू रौनियार ने किया। एनसीपीए के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया। कहा कि इस फैसले से संविधान की रक्षा हुई है। इसके बाद नेताओं ने दर्शकों को संबोधित किया। ने कहा कि संसद को फिर से स्थापित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य की रक्षा की गई थी। साथ ही इस फैसले को नेपाल की 3.5 करोड़ जनता की जीत कहा गया। लगभग चार महीने पहले, नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली के एक सुझाव के जवाब में संसद को समाप्त कर दिया था। इससे नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई। प्रथम मंत्री श्री ओली ने मध्यावधि चुनाव की तिथि घोषित कर दी है। इसको लेकर कई नेपाली जिलों में धीरे-धीरे आवाजाही शुरू हो चुकी है। निर्णय होते ही सुरक्षा प्रणाली अलर्ट भेज दिया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री ओली ने शीर्ष अधिकारियों से सुरक्षा उपायों पर चर्चा करने के बाद अतिरिक्त सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं।

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