नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है
Answers
उत्तर :
नेपोलियन के उदय को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है :
प्रथम काउंसिल के रूप में :
1799 डायरेक्टरी के शासन का तख्तापलट कर नेपोलियन प्रथम काउंसिल बन गया । उसने तानाशाही शक्तियां प्राप्त कर ली। उसने जनमत संग्रह करवाया जिसमें 99.9 प्रतिशत मतदाताओं ने उसकी नई शासन व्यवस्था के पक्ष में मत दिए। विजयों की एक श्रृंखला के बाद में फ्रांस के शत्रुओं के साथ भी शांति संधि स्थापित करने में सफल रहा। संधि तथा शांति स्थापना के इन कार्यों ने सिद्ध कर दिया कर दिया कि वह एक योग्य प्रशासक है।
1799 से 1804 तक, उसने अनेक सुधार लागू किए। इनमें से प्रमुख निम्नलिखित है :
(क) उसने वित्तीय उपायों द्वारा बढ़ती हुई मूल्य वृद्धि पर रोक लगाई।
(ख) इसके बाद बैंक ऑफ फ्रांस की स्थापना की गई।
(ग) उसने पोप के साथ काफी समय से चले आ रहे विवाद को भी सुलझा लिया, जो 1789 में चर्च की भूमि को जब्त किए जाने के कारण शुरू हुआ था। इसके लिए उसने घोषित कर दिया कि कैथोलिकवाद ही बहुसंख्यक फ्रांसीसियों का धर्म है।
(घ) तत्पश्चात उसने फ्रांसीसी कानून को संहिताबद्ध करने का काम पूरा किया । इसलिए उस संहिता को नेपोलियन कोड के नाम से पुकारा जाता है। यह संहिता भविष्य में फ्रांसीसी कानून प्रणाली का आधार बनी रही।
नेपोलियन सम्राट बना :
1804 तक आते-आते नेपोलियन प्रथम काउंसिल के पद से संतुष्ट नहीं रहा। उसने एक बार फिर जनमत संग्रह करवाया और उसे वह सब बनने व करने का अधिकार मिला जो वह चाहता था। दिसंबर 1804 में उसने तो पोप पिअस सप्तम की उपस्थिति में स्वयं अपने हाथों से अपने सिर पर राजमुकुट धारण किया । इस प्रकार उसने स्वयं को सम्राट घोषित कर दिया।
आशा है कि उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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Answer:
1799 डायरेक्टरी के शासन का तख्तापलट कर नेपोलियन प्रथम काउंसिल बन गया । उसने तानाशाही शक्तियां प्राप्त कर ली। उसने जनमत संग्रह करवाया जिसमें 99.9 प्रतिशत मतदाताओं ने उसकी नई शासन व्यवस्था के पक्ष में मत दिए। विजयों की एक श्रृंखला के बाद में फ्रांस के शत्रुओं के साथ भी शांति संधि स्थापित करने में सफल रहा। संधि तथा शांति स्थापना के इन कार्यों ने सिद्ध कर दिया कर दिया कि वह एक योग्य प्रशासक है।
1799 से 1804 तक, उसने अनेक सुधार लागू किए। इनमें से प्रमुख निम्नलिखित है :
(क) उसने वित्तीय उपायों द्वारा बढ़ती हुई मूल्य वृद्धि पर रोक लगाई।
(ख) इसके बाद बैंक ऑफ फ्रांस की स्थापना की गई।
(ग) उसने पोप के साथ काफी समय से चले आ रहे विवाद को भी सुलझा लिया, जो 1789 में चर्च की भूमि को जब्त किए जाने के कारण शुरू हुआ था। इसके लिए उसने घोषित कर दिया कि कैथोलिकवाद ही बहुसंख्यक फ्रांसीसियों का धर्म है।
(घ) तत्पश्चात उसने फ्रांसीसी कानून को संहिताबद्ध करने का काम पूरा किया । इसलिए उस संहिता को नेपोलियन कोड के नाम से पुकारा जाता है। यह संहिता भविष्य में फ्रांसीसी कानून प्रणाली का आधार बनी रही।
नेपोलियन सम्राट बना :
1804 तक आते-आते नेपोलियन प्रथम काउंसिल के पद से संतुष्ट नहीं रहा। उसने एक बार फिर जनमत संग्रह करवाया और उसे वह सब बनने व करने का अधिकार मिला जो वह चाहत था। दिसंबर 1804 में उसने तो पोप पिअस सप्तम की उपस्थिति में स्वयं अपने हाथों से अपने सिर पर राजमुकुट धारण किया । इस प्रकार उसने स्वयं को सम्राट घोषित कर दिया।
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