नारी का बदलता स्वरूप hindi 2 pages nibandh
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निर्भीकता और आत्मविश्वासी (Confidence And Boldly) – आज के युग की यदि चर्चा करें तो आज के समय में स्त्री की दशा में थोडा ही सही लेकिन बदल्लाव आया हैं. आज की स्त्री पुराने समय में जी रही स्त्री से काफी निडर और आत्मविश्वासी हैं, उसमें अपने प्रति किसी प्रकार के दुराचार के विरुद्ध आवाज उठाने की क्षमता हैं. प्राचीन समय की स्त्रियों के बारे में यह पूर्णत: नहीं कह सकते कि उनमें आत्मविश्वास और निर्भीक बनकर जीवन जीने की कमी थी. क्योंकि ऐसा कहना गलत होगा, इसका सर्वश्रेष्ठ उदहारण हैं भारत की वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई. लेकिन यदि सामान्य परिवार की महिलाओं की स्थिति के बारे में बात करें तो उस समय में बहुत कम महिलाऐं ऐसी होती थी, जो अपने विचारों को बिना डरे किसी के भी सामने सामने प्रस्तुत करती थी. इसकी वजह केवल नारी ही नहीं उस समय का समाज और उनके आस – पास का परिवेश था