Hindi, asked by karishmadeshraj, 4 months ago

नारी के इतिहास एवं वर्तमान के बलिदानों में क्या अंतर है?​

Answers

Answered by franktheruler
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नारी के इतिहास एवं वर्तमान के बलिदानों में अंतर निम्न प्रकार से स्पष्ट किया गया है

वैदिक काल

  • वैदिक काल में स्त्रियां शिक्षित हुआ जाती थी, उनकी व पुरुषों की स्थिति एक समान थी।लड़की का विवाह परिपक्व होने पर ही किया जाता था तथा वे वर अपने अनुसार चुन सकती थी।

मध्यकाल

  • मध्यकाल में स्त्रियों की स्थिति दयनीय थी। उनकर अत्याचार किए जाते थे। बाल विवाह पुनर्विवाह पर रोक, राजपूत स्त्रियों मै जौहर तथा देवदासी जैसी प्रथाएं व्याप्त थी। पर्दा प्रथा, पुरुषों का एक से अधिक स्त्रियों से संबंध रखना आदि बातें देखने को मिलती थी।
  • इन परिस्थितियों के बावजूद अनेक नारियों ने संघर्ष किया । उन्होंने धर्म , शिक्षा, साहित्य व राजनीति के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जैसे रानी दुर्गावती, रजिया सुल्तान, रानी नूरजहां, माता जीजाबाई।

अंग्रेजी शासन

  • अंग्रेजी शासन के समय भी स्त्रियों जा शोषण होता था लेकिन धीरे धीरे सुधार होना आरंभ हुआ।

आज़ादी के बाद

  • आज़ादी के बाद भारत की नारियों ने अपना नाम रोशन किया व गौरव बढ़ाया। इंदिरा गांधी 1966 में देश की प्रथम महिला प्रधान मंत्री बनी। किरण बेदी प्रथम महिला आई पी एस बनी। बछेंद्री पल एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला बनी। मदर टेरेसा को नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ।
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