निर्माणों के पावन युग में explanation of each paragraph
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'निर्माणों के पावन युग में' कविता भारत के पूर्व प्रधानमंत्री 'श्री अटल बिहारी वाजपेई' द्वारा रचित एक प्रेरक कविता है। इस कविता में श्री वाजपेई जी ने जीवन के विकास के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व और प्रकृति के कल्याण के लिए सजग रहने की प्रेरणा दी है। भावार्थ — वाजपेई जी कहते हैं कि आज का युग परिवर्तन शील युग है।
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