' निर्मल हृदय' से आप क्या समझते हैं ?
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मनकी निर्मलता एवं हृदय की पवित्रता का नाम पुण्य है। गलत कार्य से पाप एवं सही से पुण्य बंधता है। णमोकार महामंत्र का जाप करने से पाप कटेगा। इसमें कोई संशय नहीं और पुण्य बंधेगा इसमें कोई संदेह नहीं, यह परोक्ष लाभ है।
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मनकी निर्मलता एवं हृदय की पवित्रता का नाम पुण्य है। गलत कार्य से पाप एवं सही से पुण्य बंधता है। णमोकार महामंत्र का जाप करने से पाप कटेगा। इसमें कोई संशय नहीं और पुण्य बंधेगा इसमें कोई संदेह नहीं, यह परोक्ष लाभ है।
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