निर्मल लिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए कविता
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विषय या प्रसंग के बदल जाने पर कुछ शब्दों के अर्थ भी बदल जाते हैं। इससे शब्दों का रूप नहीं बदलता । ऐसे शब्दों का प्रयोग प्रायः मुहावरों के रूप में होता है । कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
(1) धर्म
नियम-सहृदय व्यक्ति को प्रभावित करना कविता का मूल धर्म है। कर्तव्य-सबकी सेवा करना मनुष्य का धर्म है ।
संस्कार-मनुष्यों का धर्म नष्ट होता जा रहा है ।
(2) चाल
चालाकी-उसने शतरंज की चाल चली ।
गति-इस सायकिल की चाल बड़ी तेज है ।
धोखा-वह उस व्यक्ति की चाल में आ गया ।
चरित्र-इस लड़की की चाल ठीक नहीं है । चाल चलो, सादा निभे बाप-दादा ।
(3) ताक
घात-लगता है, आज तुम किसी घात में बैठे हो ।
टकटकी लगाकर देखना-वह मेरी ओर ताक रहा है।
खोजना-हम बड़ी देर से ताक रहे हैं, लेकिन वह अभी तक नहीं आया ।
(4) चलना
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