Hindi, asked by pakizabook2001, 3 months ago


निराशा के अंधकार को मिटाने के उपाय सुझाइ​

Answers

Answered by sejalbhatia30
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Answer:

उजाला से डर लगने लगा है

अंधकार भय दिखाता है

बताओ कहाँ जायें हम?

खून बलात्कार के आगोश में

पल रहे है हम,

तृष्णा की आग में

जल रहे है हम,

कब खत्म होगी नरसंहार

कब बनेगी, संस्कृति का आधार!

जिन्दगी में निराशा की लहर

फैलने लगी है।

इंसानित को हैवानियत कुचलने लगी है,

खून पानी होने लगा है,

लोग अपने-परायों को भूलने लगे है।

डूबने लगी है नैया

पतवार सम्हालने से सम्हलती नहीं

दरिया अपने साथ बहाती चली है।

संस्कृति के दीपक बुझने लगे है,

कुटिल- कालिमा सजने लगे है।

टूटने लगे है धैर्य

बुझने लगे है अरमान।

आशा की किरण

निराशा में बदलने लगी है,

संस्कार-हीन पशुता मचलने लगी है।

आशातीत जीवन को कुचलकर

निराशा सँवरने लगी है।।

Explanation:

आपका उतर ये रहा धन्यवाद

Answered by shukladolly250
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Answer:

अपने आपको संभाल कर रखना

किसी के साथ तुलना मत करना

खुद पर और खुदा पर भरोसा करे

प्रेरणादायक किताबे पढे

अपने आपको संभाल कर रखना

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