Hindi, asked by vinayvbbarnwal, 5 months ago

नारी शिक्षा essay 100 words in hindi​

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Answered by sanjanasinghgh
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महिला शिक्षा प्रत्येक घर के विकास के साथ-साथ राष्ट्र और अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। लड़कियां हमारी अर्थव्यवस्था के लिए धूप की तरह हैं जो हमारे भविष्य को उज्ज्वल करती हैं। लड़कियों को शिक्षित कर हम राष्ट्र को सशक्त बना रहे हैं। शिक्षा एक हथियार है जो दुनिया को बदलने की क्षमता रखता है। शिक्षा हर किसी के जीवन का अभिन्न अंग है। बिना शिक्षा की किसी के भी जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।  शिक्षण जीवन के हर पहलू को असर करता है। इस तरह शिक्षण स्त्री पुरुष दोनों का समान हक है। मगर भारत जैसे विकसित देश में स्त्रियों को शिक्षित बनाने के लिए कोई महत्व नहीं दिया गया है।  इस निबंध के माध्यम से शिक्षा का नारी जीवन में क्या महत्व है ये उजागर करने का प्रयास करेंगे।

अन्य देशों की तरह भारत भी एक विकसित देश है जिसमें पुराने समय की तुलना में आज हर एक जगह प्रगति और विकास हुआ देख सकते हैं। पुराने समय में नारी का कर्तव्य घरके काम करना, घर संभालना, बच्चे संभाल आदि कामों को ही महत्व दिया जाता था।  नारी के पढ़ाई को लेकर कोई ज्यादा व्यवस्था और उनका कोई ज्यादा महत्व नहीं था। प्राचीन भारत मे महिलाएं का स्थान समाज मे काफी महत्वपूर्ण था। महिलाएं भी पुरुषों के साथ यज्ञों में भाग लेती थी, युधो में जाति थी, शाश्त्रार्थ करती थी। धीरे धीरे महिलाओं का स्थान पुरुषों के बाद निर्धारित किया गया तथा पुरुषों ने महिलाओं के लिए मनमाने नियम बनाये ओर उनको अपना जीवन बिताने के लिए पिता, पति तथा पुत्र का सहारा लेने की प्रेरणा फैल गई। आज से शताब्दियों पूर्व स्त्रियों को अपना पति चुनने की स्वतंत्रता थी। पिता स्वयम्वर सभाओं का आयोजन करते थे, जिसमे लड़की अपनी इच्छा से अपने पति का वर्ण करती थी। इस प्रकार की सुविधाएं इसलिए दी गई थी, कि वे शिक्षित थी और अपना अच्छा तथा बुरा वे सही ढंग से सोचने में सक्षम थी। मुगलो के शासनकाल में शिक्षा, कला, साहित्य तथा अन्य विविध गुणों को प्राप्त करने की परिस्थितिया मिट सी गई थी।

उपसंहार :- इसलिए आज के किसी भी प्रगतिशील देश के लिए नारियों का शिक्षित होना आवश्यक है और आज की नारी शिक्षा के दम पर आगे बढ़ चुकी है। आज का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ नारी ने अपने कदम न बढ़ाए हो।  यही देश का सच्चा विकास और प्रगति कहा जा सकता है।  इसीलिए तो कहा जाता है कि पढ़ेगा भारत और आगे बढ़ेगा भारत….मगर बदलते समय के साथ इसमें भी परिवर्तन आया है।

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