Hindi, asked by akshat3184, 10 months ago

नारी तेरे रूप अनेक पर अनुच्छेद​

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Answered by Anonymous
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नारी तेरे रूप अनेक पर अनुच्छेद..नारी तेरे रूप अनेक’ एक आदर्शवादी उपन्यास है। इसमें सर्व धर्म समन्वय तथा जनसेवा का संदेश है। कथा त्रिकोणात्मक है। इसमें दो मुख्य नारी पात्र हैं–इरफ़ाना और लक्ष्मी। क्रमशः मुस्लिम और हिन्दू स्त्रियाँ। दो मुख्य पुरुष पात्र हैं–विवेक और गोल्डी। क्रमशः हिन्दू और ईसाई। इनका एक संकल्प है–जनसेवा। ये नारियाँ कुमारी माताओं के गर्भस्थ शिशुओं की रक्षा/चिकित्सा व्यवस्था करती हैं और वृद्धजनों के लिए ‘अपना घर’ की स्थापना करती हैं। ये सोद्देश्य अभियान चलाती हैं–अन्तर्जातीय विवाह का और विजातीय शिशुओं को गोद लेने का। वस्तुतः मानव-धर्म ही इनका सर्वस्व है।

Answered by pardeephooda192
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नारी एक रूप वास्तव में यह बात एकदम सत्य है नारी के अनेक रुप है नारी हमारे समाज में पूजनीय है नारी को घर की लक्ष्मी कहा जाता है इसका सम्मान किया जाता है वास्तव में नारी हमारे देश के लिए हमारे समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है नारी के बिना कोई भी धार्मिक कार्य पूरा नहीं होता नारी हमारे परिवार में अनेकों रूप में आगे बढ़ती है नारी के बिना जीवन असंभव है नारी को भगवान का रूप माना जाता है नारी माता पिता का नाम ऊंचा करती है नारी के अंदर दयालुता और गुण भरे हुए हैं वास्तव में नारी पुरुष से अधिक कार्य करती है और नारी को मां चामुंडा के नाम से भी जाना जाता है नारी के पास विशाल शक्तियां हैं और नारी हमारे लिए बहुत ही बड़ा और सामाजिक रुप से तो इसलिए नारी हमारे लिए बहुत ही अनिवार्य है नारी के बिना जीवन असंभव है नारी स्वर है नारी परमात्मा है नारी फल है नारी फूल है

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