Hindi, asked by sanikabhale7, 2 days ago

नीरज सुरत चला गया । इस वाक्य का भेद पहचानो ?​

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Answered by arnabdutta63
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नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बन गए हैं.

उन्होंने 87.58 मीटर जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) के साथ भारत की झोली में पहला गोल्ड मेडल डाल दिया.

नीरज ने अपने पहले प्रयास में 87.03 मीटर, दूसरे में 87.58 और तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर जैवलिन फेंका.

इस प्रतिस्पर्धा में दूसरे और तीसरे स्थान पर चेक खिलाड़ी रहे.

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नीरज चोपड़ा की इस जीत के साथ ही भारत के टोक्यो ओलंपिक में 7 पदक हो गए हैं और यह किसी एक ओलंपिक खेल में सबसे अधिक पदक लाने का भारत का नया रिकॉर्ड है.

इसके साथ ही नीरज ओलंपिक के व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के लिए गोल्ड जीतने वाले केवल दूसरे खिलाड़ी बने हैं. अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 के 10 मीटर राइफल शूटिंग में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था.

पहली बार ओलंपिक में खेल रहे नीरज चोपड़ा क्वॉलिफिकेशन राउंड में दोनों ही ग्रुप में सबसे ऊपर रहे थे. तब 23 वर्षीय इस एथलीट ने 86.65 मीटर भाला फेंका था.

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नीरज ने इसी साल मार्च में इंडियन ग्रॉ प्री-3 में 88.07 मीटर जैवलिन थ्रो के साथ अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा था.

जून के महीने में पुर्तगाल के लिस्बन शहर में हुए मीटिंग सिडडे डी लिस्बोआ टूर्नामेंट में उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था.

पानीपत के गाँव से शुरू हुई कहानी

अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद विश्व की किसी भी बड़ी एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज सिर्फ़ दूसरे भारतीय एथलीट हैं.

नीरज की कहानी शुरू होती है पानीपत के एक छोटे से गाँव से. यहाँ लड़कपन में नीरज भारी भरकम होते थे- क़रीब 80 किलो वज़न वाले. कुर्ता पायजामा पहने नीरज को सब सरपंच कहते थे.

फ़िटनेस ठीक करने के हिसाब से वो पानीपात में स्टेडियम जाने लगे और दूसरों के कहने पर जैवलिन में हाथ आज़माया. और वहीं से सफ़र शुरू हुआ.

बेहतर सुविधाओं की तलाश में नीरज पंचकुला शिफ्ट कर गए और पहली बार उनका सामना राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों से हुआ. उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलने लगीं.

जब राष्ट्रीय स्तर पर खेलने लगे तो ख़राब क्वॉलिटी वाली जैवलिन की बजाय हाथ में बढ़िया जैलविन आ गई. धीरे-धीरे नीरज के खेल में तब्दीली आ रही थी.

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नीरज चोपड़ा, Neeraj Chopra

इमेज स्रोत,GETTY IMAGES

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमके

जब 2016 में भारत पीवी सिंधु और साक्षी मलिक के मेडल का जश्न मना रहा था तो एथलेक्टिस की दुनिया में कहीं और एक नए सितारे का उदय हो रहा था.

ये वही साल है, जब नीरज ने पोलैंड में U-20 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता.

जल्द ही ये युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाने लगा. उन्होंने गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में 86.47 मीटर के जैवलिन थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता तो 2018 में एशियाई खेलों में 88.07 मीटर तक जैवलिन थ्रो कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था और स्वर्ण पदक भी जीता.

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