(ङ) सुदास ने भगवान बुद्ध से पुष्प का मूल्य न माँगकर चरण-रज की एक कणिका क्यों माँगी? ch- phool ka mulya .plz answer fast
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(ङ) सुदास ने भगवान बुद्ध से पुष्प का मूल्य न माँगकर चरण-रज की एक कणिका क्यों माँगी?
सुदास ने भगवान बुद्ध के पुष्प का मूल्य ना मांग कर उनके चरण रज की एक कणिका इसलिये मांगी क्योंकि क्योंकि उसने लिए भगवान बुद्ध की महिमा जान ली थी।
जब उसने देखा कि राजा और तपस्वी पुरुष दोनों भक्त के रूप में भगवान बुद्ध के चरणों में फूल चढ़ाने के लिए उस फूल का कोई भी मूल्य देने के लिए तैयार हो गए थे तो वह समझ गया कि यह दोनों भक्त जिस महान आत्मा के चरणों में फूल जाने के लिए फूल पर कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। वह महापुरुष कितना अधिक महान होगा। इसी कारण उसने वह फूल बेचा नही और स्वयं महात्मा बुद्ध के चरणों मे चढ़ा दिया और अपनी श्रद्धा के कारण उनके चरणरज की एक कणिका मांग ली।
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