निषेचन के बाद अंडाणु एक पूर्ण एकल कोशिका में बदल जाता है
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निषेचन के बाद अंडाणु एक पूर्ण एकल कोशिका में बदल जाता है
Explanation:
शुक्राणु की तरह अंडाणु भी एकल कोशिका है। ... शुक्राणु और अंडाणु का यह संलयन निषेचन कहलाता है । निषेचन के समय शुक्राणु और अंडाणु संलयित होकर एक हो जाते हैं। निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज का निर्माण होता है
जन्तुओं मे मादा के अंडाणु और नर के शुक्राणु मिलकर एकाकार हो जाते हैं और नये 'जीव' का सृजन करते हैं; इसे या निषेचन (Fertilisation) कहते हैं। निषेचन की क्रियाएं निम्न है -
{1} अंडाणु को परिपक्व होने के लिए उत्तेजित किये जाते है;
{2} युग्मनज में गुणसूत्रों की द्विगुणीत संख्या (2न) को पुनः संचित करना. {3} माता पिता के गुणों का सम्मिश्रण करना
{4} धुर्व कोशिकाओं के निर्माण से अंडाणु के कोशिकाद्रव्य को पूरा करना
{5} अंडे की परिधि में पुनः परिवर्तन कर अन्य शुक्राणुओं को निषेचित अंडाणु में प्रवेश करने से रोकना