Hindi, asked by sumantripathi43898, 5 months ago

नीति एक पाठ के आधार पर समाज को प्राण देने वाले व्यक्ति की सूची बनाओ ​

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Answered by prettykitty664
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Explanation:

यज्ञ, कर्मकांड की विधि है जो परमात्मा द्वारा ही हृदय में सम्पन्न होती है। जीव के अपने सत्य परिचय जो परमात्मा का अभिन्न ज्ञान और अनुभव है, यज्ञ की पूर्णता है। यह शुद्ध होने की क्रिया है। इसका संबंध अग्नि से प्रतीक रूप में किया जाता है।

अधियज्ञोअहमेवात्र देहे देहभृताम वर ॥ 4/8 भगवत गीता

अनाश्रित: कर्म फलम कार्यम कर्म करोति य:

स संन्यासी च योगी च न निरग्निर्न चाक्रिय: ॥ 1/6 भगवत गीता

शरीर या देह सेवा को छोड़ देने का वरण या निश्चय करने वालों में, यज्ञ अर्थात जीव और आत्मा की क्रिया या जीव का आत्मा में विलय, मुझ परमात्मा का कार्य है।

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