Hindi, asked by piyush49, 1 year ago

नैटिक शिक्षा की आवश्यकता

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Answered by ReetChauhan1112
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नैतिक शिक्षा वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से लोग दूसरों में नैतिक मूल्यों का संचार करते हैं। यह कार्य घर, विद्यालय, मन्दिर, जेल या किसी सामाजिक स्थान (जैसे पंचायत भवन) में किया जा सकता है।

आये दिन विभिन्न विभिन्न जनसमाचार माध्यमों यथा समाचार पत्र और टेलीविजन में निराश और हतोत्साह करने वाले घटनाओं की भरमार है। राजनीतिक भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिलयों के साथ दुष्कर्म एवं अन्य ऐसी अनेक समाचार हमारे मानस को विचार करने को विवश कर देती है। प्रत्येक समस्या के समाधान के रूप में जो तथ्य या उपाय सामने लाये जाते ओ मूलतः कानूनी वैधानिक ही होते हैं। सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयास भी एसी को आगे बढ़ती हुये दिखती है। उपरोक्त चीजें घटना के घटित होने के बाद की प्रक्रिया है और कोई भी कानून या न्यायाधीश के फैसले प्रताड़ित व्यक्ति को सम्पूर्ण न्याय नहीं दिला सकता। मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित व्यक्ति पुनः अपने पहले की स्थिति को नहीं पुनर्स्थापित कर सकता है। हुमें एक राष्ट्र और समाज के रूप में समस्या के मूल में जाना होगा। तभी हम इन घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगा सकते हैं। क्यूँ न ऐसा वातावरण निर्मित किया जाये की हम संस्कारित और सभ्य मनुष्य का निर्माण कर सकें। शिक्षा व्यक्ति का निर्माण करती है। समाज और सरकार शिक्षा पद्धति में ऐसा बदलाव लाये की आने वाली पीढ़ी एक स्वस्थ और सभ्य समाज का निर्माण करे। शिक्षा में नैतिक शिक्षा को प्रमुख स्थान देकर हम अपने बच्चों को एक जिम्मेवार व्यक्ति और नागरिक बना सकते हैं। यह हमरे समाज को एक ऐसा प्लैटफ़ार्म देगी जहां से ऐसे अनुकूल वातावरण का निर्माण होगा की बलात्कार और भ्रष्टाचार जैसी अमानवीय कृत्य की घटनाएँ बहुत कम दिखेगी। आज के समय में जब कानून का भय लोगों में नहीं के बराबर है हुमें अपने शिक्षा पद्धति में परिवर्तन करना होगा। केवल विद्यालय या महाविद्यालय में परिवर्तन नहीं अपितु शिक्षा के अनौपचारिक माध्यम जैसे परिवार, जनसंचार माध्यम आदि में भी बदलाव लाने होंगे। लोगों को समाज और दूसरे व्यक्ति के प्रति संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है।

piyush49: tn u reet chauhan
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