नैतिकता का पतन ,देश का पतन
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नैतिकता का पतन ,देश का पतन।
किसी भी देश की समृद्धि,संस्कृति और सभ्यता को उसदेश में उपस्थित नैतिकताके आधार पर मापा जाता है।देश के लोगो में जितनी अधिक नैतिकता होगी वह देश उसी अनुपात में समृद्ध और सुसंस्कृत होगा। अगर समाज में नैतिकता न हो तो देश भी विकृत हो जाता है। लोगो में अच्छे संस्कार और अच्छी सोच नहीं होगी तो समाज बुराइयों के अँधेरेमें चला जायेगा । आपसी भाईचारा ,शांतिपूर्ण वातावरण , सदभावना एवम् नैतिकता की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है। लोग अगर नैतिक व्यवहार नहीं करेंगे तो समाज एक जंगल के समान अव्यवस्थित हो जाएगा। अपराध , भ्रष्टाचार ,रिश्वतखोरी आदि नैतिकता के अभाव का ही परिणाम है। और अगर इन बुराईयों को न रोका गया और नैतिकता का पतन इसीप्रकार जारी रहा तो देश का पतन भी निश्चित है।देश के विकास और सामाजिक खुशहाली के लिए हम सभी कोनैतिकता के महत्त्व को समझना होगा और इसे अपने जीवन में अपनाना होगा। हम अपने कर्तव्यों का पालन नैतिकता के साथ करें तो देश के पतन को रोका जा सकता है।
किसी भी देश की समृद्धि,संस्कृति और सभ्यता को उसदेश में उपस्थित नैतिकताके आधार पर मापा जाता है।देश के लोगो में जितनी अधिक नैतिकता होगी वह देश उसी अनुपात में समृद्ध और सुसंस्कृत होगा। अगर समाज में नैतिकता न हो तो देश भी विकृत हो जाता है। लोगो में अच्छे संस्कार और अच्छी सोच नहीं होगी तो समाज बुराइयों के अँधेरेमें चला जायेगा । आपसी भाईचारा ,शांतिपूर्ण वातावरण , सदभावना एवम् नैतिकता की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है। लोग अगर नैतिक व्यवहार नहीं करेंगे तो समाज एक जंगल के समान अव्यवस्थित हो जाएगा। अपराध , भ्रष्टाचार ,रिश्वतखोरी आदि नैतिकता के अभाव का ही परिणाम है। और अगर इन बुराईयों को न रोका गया और नैतिकता का पतन इसीप्रकार जारी रहा तो देश का पतन भी निश्चित है।देश के विकास और सामाजिक खुशहाली के लिए हम सभी कोनैतिकता के महत्त्व को समझना होगा और इसे अपने जीवन में अपनाना होगा। हम अपने कर्तव्यों का पालन नैतिकता के साथ करें तो देश के पतन को रोका जा सकता है।
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