Hindi, asked by Alishan25, 11 months ago

नैतिकता के दो स्वरूप बताइए

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Answered by AbsorbingMan
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नैतिकता मानव समाज का एक अभिन्न अंग है। हमारे द्वारा किए गए किसी भी निर्णय में नैतिक आधार होता है। मानव समाज में नैतिकता की भूमिका वांछित या अवांछित क्या है यह निर्धारित करने में निहित है। इस प्रकार, नैतिकता एक दार्शनिक अवधारणा है जिसमें सही और गलत की अवधारणाओं को व्यवस्थित करना, बचाव करना और अनुशंसा करना शामिल है। यह जरूरी है कि मनुष्यों के नैतिक व्यवहार को शामिल किया जाए। नैतिकता अच्छे और बुरे, सही और गलत, गुण और उपाध्यक्ष और अन्याय की चिंताओं से संबंधित है। नैतिक विकास के दो अंग किए जा सकते हैं (1) नैतिक व्यवहार का विकास और (2) नैतिक प्रत्यय का विकास।

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