। नेता नहीं, नागरिक चाहिए ।
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Answers
नेता नही नागरिक चाहिये
आज हमारा देश अब नेतामय हो चला है। आजादी के बाद से ही देश की स्थिति कमोबेश ये ही बनी रही है। हमारे यहां हर व्यक्ति नेता बना फिरता है। आम जनता कोई नही बनना चाहता। पहले कोई जवाहरलाल नेहरू बनना चाहता था, कोई इंदिरा गांधी बनना चाहता था। आज हर कोई नरेन्द्र मोदी बनना चाहता है। राहुल गांधी बनना चाहता है। आप सोचिए अगर सब नेता ही बन जाएंगे तो फिर जनता कौन बनेगा। कौन वह सारे छोटे-मोटे कार्य करेगा जो जनता के भाग्य में लिखे हैं। क्योंकि नेताजी तो ये तुच्छ कार्य करने से रहे। सब मोदी ही बन जायेंगे तो मुन्नालाल, चुन्नालाल कौन बनेगा। कौन रामेश्वर बनेगा? कौन रहमत अली बनेगा? कौन खेत में हल चलायेगा। कौन आम जीवन से जुड़े कार्य करेगा। अब नेताजी तो ये काम करने वाले नही। वो तो भाषण देंगे। बड़ी-बड़ी योजनायें बनायेंगे। वादे-इरादे से उन्हे फुर्सत ही कहाँ मिलेगी। अगर सब नेतागीरि ही करने लगेंगे तो फिर 130 करोड़ नेता हो जायेंगे और एक-दूसरे की टांग खींचेगे। जैसा कि नेता जी करते हैं। फिर तो इस देश का भगवान ही मालिक है।
इसलिये हमें नेताओं से ज्यादा अच्छे और सच्चे नागरिकों की जरूरत है। ये लोकतंत्र है, देश की कमान तो नागरिकों के हाथ में होती है। नागरिक सच्चे होंगे तो देश भी अच्छे से चल जायेगा। इसलिये हम अपने अंदर के नेता को बाहर निकालें और अपने अंदर नागरिक पैदा करें।
Explanation:
देश के लिए हमें ऐसा नेता चाहिए जो धर्म, प्रांत, जाति या भाषा के आधार पर राजनीति न करे। उसके लिए हर व्यक्ति समान हो। जो जनता के प्रति जवाबदेह हो। वह नेता न हो बल्कि जनता का प्रतिनिधि हो।
जन भागीदारी पर गंभीरता से विचार करता हो और उस दिशा में काम करता भी नजर आए। हमारे नेता की जवाबदेही महज भाषण देने या बयानबाजी करने तक सीमित न हो, बल्कि जो वह कह रहा हो उसे करके दिखाए। आजादी के 66 बरसों का हमारा अनुभव यही रहा है कि देश और समाज सुधार सिर्फ नारेबाजी की चीज रहे हैं।
जरूरी है कि नारों को व्यवहार में बदलने वाला व्यक्ति हमारा नेता बने। निर्णय समाज के अंतिम आदमी को ध्यान में रखकर किए जाएं।
नेता को यह समझना भी बहुत जरूरी है कि भारत सिर्फ कार्पोरेट या संपन्न वर्ग का ही नहीं है। वह किसानों, मजदूरों, दलितों, स्त्रियों और बच्चों का भी है। हमें ऐसा नेता चाहिए जो इन सभी की समस्याओं के बारे में सचेत रूप से सोच-समझ सके और उन्हें दूर करने की दिशा में काम करके दिखाए।
यह भी जरूरी है कि उसके जरिए समाज के हर तबके के लोगों को बेहतर जीवन स्तर मिल सके। शिक्षा के अवसर, स्वास्थ्य सेवाएं और जीवन की जरूरी चीजें सहज उपलब्ध हों। उनके लिए मारा-मारा न फिरना पड़े।
लीडर ऐसा होना चाहिए जो पूरे समाज में बदलाव का संकल्प जगा सके और उसे व्यावहारिक रूप भी दे पाए। उसे आम लोगों को यकीन दिलाना होगा कि वह उन्हीं के बीच से एक है। नेता और जनता के बीच की दीवार टूटनी जरूरी है। उसे उदाहरण बनना होगा।