Hindi, asked by tabrezmallick655, 1 year ago

नेता नहीं नागरिक चाहिए पर अनुच्छेद

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Answered by bhatiamona
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Answer:

                                नेता नहीं नागरिक चाहिए पर अनुच्छेद

भारत को ईमानदार नेता की जरूरत होने के साथ-साथ नागरिककी जरूरत है। हमारे नेता में देशभक्ति की भावना निहित होनी चाहिए। देश के लिए हमें ऐसा नेता चाहिए जो धर्म, प्रांत, जाति या भाषा के आधार पर राजनीति ना  करे। उसके लिए हर व्यक्ति समान हो और जनता के प्रति जवाबदेने वाला हो। वह नेता ना हो बल्कि जनता का प्रतिनिधि बने| नेता होने के नाते शिक्षा के अवसर, स्वास्थ्य सेवाएं और जीवन की जरूरी चीजें का ध्यान रखे| हमारा नेता में  बिल्कुल भ्रष्टाचारी नहीं होना चाहिए बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उचित कदम उठाने वाला होना चाहिए। हमारा नेता सकारात्मक और नई  सोच रखने वाला होना चाहिए। हमारे नेता को देश की वर्तमान सांस्क्रतिक,राजनीतिक तथा भौगोलिक स्थिति की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। हमारा नेता अपने वादों को पूरा करने वाला हाना चाहिए|  

Answered by shishir303
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                         नेता नही नागरिक चाहिये

आज हमें अपने देश को नेताओं से ज्यादा सच्चे और अच्छे नागरिकों की जरूरत है। पर हमारी राजनीति ऐसी हो गयी कि हर किसी को नेता बनने का भूत सवार है। हर गली-कूचे में कोई न कोई छुटभैया मिल जायेगा। आजादी के बाद से ही देश की स्थिति कमोबेश ये ही बनी रही है। हमारे यहां हर व्यक्ति नेता बना फिरता है। आम जनता कोई नही बनना चाहता। पहले कोई नेहरू बनना चाहता था, कोई गांधी बनना चाहता था। आज हर कोई  मोदी बनना चाहता है। आप सोचिए अगर सब नेता ही बन जाएंगे तो फिर जनता कौन बनेगा। कौन वह सारे छोटे-मोटे कार्य करेगा जो जनता के भाग्य में लिखे हैं। क्योंकि नेताजी तो ये तुच्छ कार्य करने से रहे। सब नेता ही बन जायेंगे तो जनता कौन बनेगा। कौन राम बनेगा? कौन रहमान बनेगा? कौन खेत में हल चलायेगा। कौन आम जीवन से जुड़े कार्य करेगा। अब नेताजी तो ये काम करने वाले नही। वो तो भाषण देंगे। बड़ी-बड़ी योजनायें बनायेंगे। वादे-इरादे से उन्हे फुर्सत ही कहाँ मिलेगी। अगर सब नेतागीरि ही करने लगेंगे तो फिर 130 करोड़ नेता हो जायेंगे और एक-दूसरे की टांग खींचेगे। जैसा कि नेता जी करते हैं। फिर तो इस देश का भगवान ही मालिक है।  इसलिये हमें नेताओं से ज्यादा अच्छे और सच्चे नागरिकों की जरूरत है। जागरुक नागरिकों की जरूरत है। ये लोकतंत्र है, देश की कमान तो नागरिकों के हाथ में होती है। नागरिक सच्चे होंगे तो देश भी अच्छे से चल जायेगा। इसलिये हम अपने अंदर के नेता को बाहर निकालें और अपने अंदर नागरिक पैदा करें।  तभी इस देश का भला होगा।

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