Business Studies, asked by sakshisharma5711, 11 months ago

नेतृत्व की कोई दो विशेषतायें बताइए?

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Answered by gardenheart653
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नेतृत्व (leadership) की व्याख्या इस प्रकार दी गयी है "नेतृत्व एक प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति सामाजिक प्रभाव के द्वारा अन्य लोगों की सहायता लेते हुए एक सर्वनिष्ट (कॉमन) कार्य सिद्ध करता है।[1]एक और परिभाषा एलन कीथ गेनेंटेक ने दी जिसके अधिक अनुयायी थे "नेतृत्व वह है जो अंततः लोगों के लिए एक ऐसा मार्ग बनाना जिसमें लोग अपना योगदान दे कर कुछ असाधारण कर सकें.[2]

ओसवाल्ड स्पैगलर ने अपनी पुस्तक 'मैन ऐण्ड टेक्निक्स' (Man and Techniques) में लिखा है कि ‘‘इस युग में केवल दो प्रकार की तकनीक ही नहीं है वरन् दो प्रकार के आदमी भी हैं। जिस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति में कार्य करने तथा निर्देशन देने की प्रवृति है उसी प्रकार कुछ व्यक्ति ऐसे हैं जिनकी प्रकृति आज्ञा मानने की है। यही मनुष्य जीवन का स्वाभाविक रूप है। यह रूप युग परिवर्तन के साथ कितना ही बदलता रहे किन्तु इसका अस्तित्व तब तक रहेगा जब तक यह संसार रहेगा।’’

शासन करना, निर्णय लेना, निर्देशन करना आज्ञा देना आदि सब एक कला है, एक कठिन तकनीक है। परन्तु अन्य कलाओं की तरह यह भी एक नैसर्गिक गुण है। प्रत्येक व्यक्ति में यह गुण या कला समान नहीं होती है। उद्योग में व्यक्ति के समायोजन के लिए पर्यवेक्षण (supervision), प्रबंध तथा शासन का बहुत महत्व होता है। उद्योग में असंतुलन बहुधा कर्मचारियों के स्वभाव दोष से ही नहीं होता बल्कि गलत और बुद्धिहीन नेतृत्व के कारण भी होता है। प्रबंधक अपने नीचे काम करने वाले कर्मचारियों से अपने निर्देशानुसार ही कार्य करवाता है। जैसा प्रबंधक का व्यवहार होता है, जैसे उसके आदर्श होते हो, कर्मचारी भी वैसा ही व्यवहार निर्धारित करते हैं। इसलिए प्रबंधक का नेतृत्व जैसा होगा, कर्मचारी भी उसी के अनुरूप कार्य करेंगे।

स्मिथ ने कहा है- यदि किसी व्यक्ति के पास सुन्दर बहुमूल्य घड़ी है और वह सही तरह से काम नही करती है तो वह उसे मामूली घड़ीसाज को सही करने के लिए नहीं देगा। घड़ी की जितनी बारीक कारीगरी होगी, उसे ठीक करने के लिए भी उतना ही चतुर कारीगर होना चाहिए। कारखाने या फैक्ट्री के विषय में भी यही बात है। कोई भी मशीन इतनी जटिल और नाजुक नहीं और न ही इतना चातुर्यपूर्ण संचालन चाहती है, जितना प्रगतिशील प्रबंध नीति। यह आवश्यक नहीं कि प्रबंध नीति प्रगतिशील हो। आवश्यकता इस बात की होती है कि प्रबंध नीति सुचारू रूप से हो, यदि सुचारू रूप से प्रबंध नीति चलेगी तो प्रगति अपने आप होने लगेगी।

नेतृत्व संगठनात्मक संदर्भों के सबसे प्रमुख पहलुओं में से एक है। हालांकि, नेतृत्व को परिभाषित करना चुनौतीपूर्ण रहा है।

प्रबंध जगत में नेतृत्व का अपना एक विशिष्ट स्थान है एक संस्था की सफलता या असफलता हेतु काफी हद तक नेतृत्व जिम्मेदार होता है कुशल नेतृत्व के अभाव में कोई भी संस्था सफलता के सोपान ओ को पार नहीं कर सकती है यहां तक भी माना जाता है कि कोई भी संस्था तभी सफल हो सकती है जब उसका प्रबंधन ने नेतृत्व भूमिका का सही निर्वहन करता है फिटर एक ट्रकर के शब्दों में प्रबंधक किसी व्यवसायिक उपक्रम का प्रमुख एवं दुर्लभ प्रसाधन है अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सफल होने का प्रमुख कारण कुशल नेतृत्व ही है

Answered by kurohit933
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