नाटक लेखन मे सवाद तत्व की तीन विशेषता
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इसकी रचना अकबर के ही एक नवरतन दरबारी अबुल फज़ल ने की थी। इसमें अकबर के दरबार, उसके प्रशासन के बारे में चर्चा की गई है। इसके तीन ख्ण्ड हैं, जिनमें अंतिम खंड अकबरनामा (फ़ारसी: اکبر نامه), के नाम से है।नाटक-लेखन' में संवाद तत्व की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए।
अथवा
कहानी-लेखन में चरित्र-चित्रण के महत्व के तीन बिन्दुओं (वि.केदारनाथ अग्रवाल का जन्म 1 अप्रैल 1911 बाँदा जिले के कमासिन ग्राम में हुआ। जीविका से वकील श्री अग्रवाल छायावादी युग के मूर्धन्य प्रगतिवादी कवि थे।कहानी के मूलतः छः तत्व हैं। ये हैं- विषयवस्तु अथवा कथानक, चरित्र, संवाद, भाषा शैली, वातावरण और उद्देश्य।चरित्र की दृष्टि से कहानीकार ने सिरचन के स्वभाव, इमानदारी, स्वाभिमान, और उसकी सहृदयता के पहलुओं को बड़ी बारीकी से उभारा है। चरित्र के कसाव में कहीं शिथिलता नहीं, जो कहानी के कौतूहल को बरकरार रखती हैं। ... 'ठेस' कहानी संवाद व्यंग से भरे हुए हैं।