Hindi, asked by sahanadk27, 1 month ago

नाटक व फिल्म की पटकथा में कोई तीन अंतर लिखिए​

Answers

Answered by nidhika31
0

Answer:

naatak chhotte hotte h as compared to film

Answered by SH20RAJ
0

Answer:

प्रश्नः 2.

पटकथा लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है? और क्यों?

उत्तरः

पटकथा लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

प्रत्येक दृश्य के साथ होने वाली घटना के समय का संकेत भी दिया जाना चाहिए।

पात्रों की गतिविधियों के संकेत भी प्रत्येक दृश्य के प्रारंभ में देने चाहिए। जैसे-रजनी चपरासी को घूर रही है, चपरासी मज़े से स्टूल पर बैठा है। साहब मेज़ पर पेपरवेट घुमा रहा है। फिर घड़ी देखता है।

किसी भी दृश्य का बँटवारा करते समय यह ध्यान रखा जाए कि किन आधारों पर हम दृश्य का बँटवारा कर रहे हैं।

प्रत्येक दृश्य के साथ होने की सूचना देनी चाहिए।

प्रत्येक दृश्य के साथ उस दृश्य के घटनास्थल का उललेख अवश्य करना चाहिए; जैसे-कमरा, बरामदा, पार्क, बस स्टैंड, हवाई अड्डा, सड़क आदि।

पात्रों के संवाद बोलने के ढंग के निर्देश भी दिए जाने चाहिए; जैसे-रजनी (अपने में ही भुनभुनाते हुए)।

प्रत्येक दृश्य के अंत में डिज़ॉल्व, फ़ेड आउट, कटटू जैसी जानकारी आवश्य देनी चाहिए। इससे निर्देशक, अडीटर आदि निर्माण कार्य में लगे हुए व्यक्तियों को बहुत सहायता मिलती है।

Explanation:

प्रश्नः 2.

पटकथा लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है? और क्यों?

उत्तरः

पटकथा लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

प्रत्येक दृश्य के साथ होने वाली घटना के समय का संकेत भी दिया जाना चाहिए।

पात्रों की गतिविधियों के संकेत भी प्रत्येक दृश्य के प्रारंभ में देने चाहिए। जैसे-रजनी चपरासी को घूर रही है, चपरासी मज़े से स्टूल पर बैठा है। साहब मेज़ पर पेपरवेट घुमा रहा है। फिर घड़ी देखता है।

किसी भी दृश्य का बँटवारा करते समय यह ध्यान रखा जाए कि किन आधारों पर हम दृश्य का बँटवारा कर रहे हैं।

प्रत्येक दृश्य के साथ होने की सूचना देनी चाहिए।

प्रत्येक दृश्य के साथ उस दृश्य के घटनास्थल का उललेख अवश्य करना चाहिए; जैसे-कमरा, बरामदा, पार्क, बस स्टैंड, हवाई अड्डा, सड़क आदि।

पात्रों के संवाद बोलने के ढंग के निर्देश भी दिए जाने चाहिए; जैसे-रजनी (अपने में ही भुनभुनाते हुए)।

प्रत्येक दृश्य के अंत में डिज़ॉल्व, फ़ेड आउट, कटटू जैसी जानकारी आवश्य देनी चाहिए। इससे निर्देशक, अडीटर आदि निर्माण कार्य में लगे हुए व्यक्तियों को बहुत सहायता मिलती है।

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