Hindi, asked by aniakash08, 8 months ago

नाव गर्व से सर उठा कर नदी की लहरों पर दौड़ती चली जाती है, और पानी उसका जयकार करता हुआ उसे अपने हाथों पर उठाएं रहता है, किंतु जब नाव डूबती है तो अपने ही छोटे से छेद के कारण जो धीरे-धीरे कब हो गया वह जान ही नहीं पाती और छेद हो जाने पर वही पानी उसे खींच कर डुबो देता है.

व्यक्ति भी जब डूबता है तो अपने ही किसी छेद के कारण – छेद के कारण जिसे उसने मामूली सा समझ कर अनदेखा कर दिया था.

हर विपत्ति हम पर तभी हावी होती है, ढीले पड़ जाते हैं. यदि हम प्रतिदिन सजग होकर इस बात पर दृष्टि दौड़ आते रहे कि हमारे प्रयासों में कहीं कोई कमी तो नहीं रह गई, पराजित नहीं कर सकता. अपनी कल को कायर और निकम्मे लोग याद करके पछताते रहते.

जहाँ हम कल खड़े थे वही खड़े रहना अपराध है. जो कुछ और जिस रूप में हमने कोई काम कल किया था, उससे कहीं बेहतर करने का संकल्प और प्रयत्न करना हमारा धर्म होना चाहिए.

इस गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-


1. नोखा का उदाहरण देकर क्या संदेश दिया गया है?


2. कोई भी विपत्ति हम पर कब होगी होती है?


3. निकम्मे और कर्मशील लोगों की क्या-क्या विशेषताएं बताई गई है?


4. छेद किसका प्रतीक है? इसे भरने के क्या उपाय हैं?

Answers

Answered by Gurpinder345Gmailcom
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Answer:

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Explanation:

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