नायिका के प्राण तृप्त ना हो पाने का कारण अपने शब्दों में लिखिए।
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yar lesson to btao kha h bina lesson read kiye kese answer de
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नायिका के प्राण तृप्त ना हो पाने का कारण
नायिका अपने प्रेमी से बेहद प्यार करती है , जिस प्रेम की तुलना नहीं की जाती है| वह जितना इस प्रेम रूपी सागर में डूबती जाती है , उतना अपने प्रेमी की दीवानी होती जाती है| वह अपने प्रियतम के रूप को देखते रहना चाहती है| वह जितना उसे देखती उसकी तृप्ति शांत होने के स्थान पर बढ़ती है| इस का कारण वह प्रेम को मानती है|
उन के अनुसार प्रेम ऐसा भाव है, जिस के विषय में वर्णन कर पाना संभव नहीं है| इस संसार में कोई भी प्रेम को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में समर्थ नहीं है| प्रेमी का साथ उसे कुछ समय के लिए सांत्वना तो देता है परंतु तृप्ति का भाव नहीं देता | उस के प्राण प्रेमी के आस-पास ही रहना चाहिए|
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