नियलिखित अग की ध्यानपूर्वक पढ़कर पूरी
गए सभी के अतर लिखिर
पाठ्य-पुस्तक 'शितिज भागोमेंसूरदास
कूत चार पद दिए गए हैं। इन पदों में कृष्ण
के मथुरा जाने के बाद स्वयं न लाटकर
उष्टक के जरिए गोपियों के पास संदेश भेला
था उदव ने निर्गुण बह्म स्वं योग का उपदेश
दिकर गोपियों की विरह-वेदना को शांत करने
की प्रयास किया गोपियों जान मार्ग के बजायू
प्रेम मार्ग की पसंद करती थी। इस कारण उन्हें
दव का शुष्क संदेश पसंद नहीं आया इसी क्रम
मै वहाँ समीरा आ पाश्चात्यहीं से अमराप्ति
का प्रारंभ होता है। गोपियों ने नगर के बहाने
उद्धव पर व्यांग बाण घोडे
पहले पद में गोपियाँ शिकायूत कली कि
दिउटूव स्वयं कशी प्रेम के धागे सेबंधे
होती व विरह की वेदना का अनुभव कर
पाते सिदंर्श-सूरदास के पद, क्षितिज'
भाग 2). Shri Krishn ne udav ke Pas kyu bjea?
Answers
Answered by
0
Answer:
मथुरा शहर भारत के उत्तरप्रदेश प्रान्त के मथुरा जिले का एक शहर है। मथुरा ऐतिहासिक रूप से कनिष्क वंश द्वारा स्थापित नगर है। आज यह धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। मथुरा भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। भारतीय धर्म, दर्शन कला एवं साहित्य के निर्माण तथा विकास में मथुरा का महत्त्वपूर्ण योगदान सदा से रहा है। आज भी महाकवि सूरदास, संगीत के आचार्य स्वामी हरिदास, स्वामी दयानंद के गुरु स्वामी विरजानंद, कवि रसखान आदि से इस नगरी का नाम जुड़ा हुआ है। मथुरा को श्रीकृष्ण जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है।
Similar questions