Hindi, asked by Preetiwari4785, 1 year ago

Nadiyo ka mahatva anuched

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Answered by ananya285
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नदियाँ हमारे जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी है। सुरज की किरणें पहाड़ो पर जमी हुई बर्फ पर गिरने से होता है। यह सर सर की सुरीली आवाज के साथ एक स्थान से दुसरे स्थान तक बहती है जिसके कारण इसे सरिता भी कहते है। यह बहुत ही तेज प्रवाह से बहती है इसी कारण से ही प्रवाहिनी भी कहा जाता है। नदियाँ उँचाई से निचाई की ओर बहती है। नदियों के छोटे रूप को नहर कहते है। नदियाँ अपने राह में आने वाली चट्टानों से टकरा कर अपना रास्ता बदल लेती है और एक से ज्यादा नदियों में परिवर्तित हो जाती है। बहुत सारी नदियों के संगम पर सागर बनता है।नदी भी दो तरह की होती है सदानीर और बरसाती। सदानीर नदी में हर समय पानी रहता है जबकि बरसाती नदी में सिर्फ बारिश आने पर ही पानी इकट्ठा होता है और यह कुछ समय में ही सूख जाती है।नदियों से हमें और निर्मल जल की प्राप्ती होती है जो कि हमारी सर्वप्रथम आवश्यकता है। यही कारण है कि जितनी भी पुरानी सभ्यता मिली है वह नदियों के किनारे पर ही मिली है ताकि उन्हें पानी जैसी सुविधाएँ आसानी से प्राप्त हो सके। हड़प्पा सभ्यता भी सिंधु नदी के तट पर पाई गई थी। हमारे पुरे विश्व में गंगा,नील, अमेजन जैसी बहुत सी नदियाँ है। नदी का काम हमेशा बहते रहना है। कहते है हमें भी जल की तरह समय के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।

नदियों में मछली पाई जाती है जिससे कि वो बहुत से लोगों के लिए भोजन भी उपल्बध कराती है। नदियों का जल पीने के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि वह बहुत ही स्वच्छ होता है। बहुत से लोग नदियों के जल का प्रयोग कपड़े धोने, खेतों में सिंचाई आदि के लिए प्रयोग करते है। नदियों का पानी खेतों की उपजाऊ शक्ति बढ़ाता है क्योंकि यह जलोढ़ जल देता है। नदियों का महत्व हम सब के जीवन में पुराने समय से ही रहा है।

बहुत से तीर्थ स्थलों का महत्व नदियों के कारण ही है क्योंकि लोग उन नदियों को बहुत ही पवित्र मानते है और स्नान करने जाते है। लोग हरिद्वार भी गंगा स्नान के लिए ही जाते है। नदियों के कारण बहुत से स्थान पर्यटन स्थल में परिवर्तित हुए है। नदियों के किनारे पर बहुत से उद्योग लगाए जाते है ताकि पानी आसानी से मिल सके। आजकल बच्चे नदियों में बहुत सी गतिविधियाँ करते है जैसे कि रिवर राफटिंग, बोटिंग आदि। नदियों के माध्यम से व्यापार भी किया जाता है। नदियों के उपर बाँध बनाकर हम पानी से बिजली उत्पन्न करा सकते है। नदी जल का प्राकृतिक स्त्रोत है और इससे बिजली उत्पन्न करने से हम आसानी से ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।

आज के समय में लोग नदियों को दुषित कर रहें हैं। वह पूजा पाठ के नाम पर उसमें धुबबती आदि डालते है। लोग नदियों में कूड़ा करकट बहा देते है। हमें अपनी प्रकृति के इस अनोखे उपहार को संभाल कर रखना चाहिए। सरकार ने भी इसके लिए स्वच्छता अभियान की मूहीम चलाई है जिसमें नदियों की भी साफ सफाई का ध्यान रखा जारा है।

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