History, asked by lakshmiG, 10 months ago

nagarikatha hindi nibandh​

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Answered by abhishek45376
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मनुष्य अकेला नहीं रह सकता । वह एक सामाजिक प्राणी है और दूसरे मनुष्यों के साथ मिलकर रहता है । इस प्रकार नगरीय जीवन एक सहकारी उद्यम जैसा है जो पारस्परिक सहयोग पर निर्भर करता है ।

विभिन्न संबंधों के आपस में जुड़े होने की प्रक्रिया तथा एक दूसरे की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संस्था से संबंध होना ही नागरिक जीवन की आधारशिलाएं है । आज विश्व का प्रत्येक प्राणी किसी न किसी पर आश्रित है । शिक्षा, स्वास्थ्य आदि कार्यों को सामाजिक स्तर पर नियोजित किया जाता है ।

पूरा समुदाय इस बात के लिए प्रयत्नशील होता है कि सबके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले । किसी स्थान कुए स्वास्थ्य और सफाई संबंधी कार्यों का प्रबन्ध भी सहकारी स्तर पर होता है । इस प्रकार प्रत्येक नागरिक के लिए यह अनिवार्य सा हो जाता है कि वह अपने स्थान के आस-पास के वातावरण को साफ सुथरा रखे ताकि गंदगी दूसरों के लिए नुकसानदेह साबित न हो ।

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