Hindi, asked by Bharatsinh311, 10 months ago

Nahi kuch isse badhkar kavita ki antim char panktiyon ka aarth likhe​

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Answered by bhatiamona
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नहीं कुछ इससे बढ़कर कविता की अंतिम चार पंक्तियों का अर्थ लिखिए :

नहीं कुछ इससे बढ़कर कविता सुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखी गई है |

कविता की चार पंक्तियों में भवरों का का वर्णन किया है | भवरें मधुरस लाने के लिए  मधु-रूपी मनोवैभव का संचय करते है वह अपना मधु रस बना लेते है | उसी प्रकार कवि , कलाकार , महान पुरुष , कृषक और माँ व्यक्ति समाज वह देश के हित में सैदव तत्पर रहते है | इन सब का हृदय बहुत बड़ा है , यह हमेशा दूसरों के लिए  पिघल जाता है | इन सब की प्रार्थना से अन्य कोई पवित्र व शुभ प्रार्थना नहीं हो सकती |

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नहीं कुछ इससे बढ़कर कविता का भावार्थ by paragraph

Answered by SnehaH703
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Answer:

प्रस्तुत पंक्तियाँ नहीं कुछ इससे बढ़कर' कविता से ली गई हैं। इसके कवि सुमित्रानंदन पंत हैं। प्रस्तुत पंक्ति में मधुकर यानी भ्रमरों का वर्णन है। भ्रमर मधुरस को प्रतिक्षण चखकर विपुल मात्रा में मधु-रूपी मनोवैभव का संचय करते हैं और अपना मधु छत्र बना लेते हैं।

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