नझन में उलझे लोगों को तथ्य दीप समझायेंगे।
टक रहे जो जीवन-पथ से, उनको राह दिखायेंगे।
खुशियों के दीप जला, जीवन ज्योत जलायेंगे
र भारतवासी दुनिया को पावन-धाम बनायेंगे ।
हम उलझन में उलझे लोगों को क्या समझायेंगे ?
भारतवासी दुनियावालों के जीवन में जीवन ज्योत कैसे जलाएं
जीवन-पथ से भटक रहे लोगों को क्या दिखाएंगे?
हम भारतवासी किसको पावन धाम बनायेंगे ?
इस कविता के कवि को नाम लिखिए।
तिम्नलिखित गद्यांश प्रकर दिये गये प्रश्नों के उत्तरे एक वान
सहसा ईदगाह मज़र आयी और उसी के पास ईद का मैला ।
मटाई और खिलौनों की दुकानों पर धावा बोल देते हैं । हामिद दू
नि पैसे हैं। मोहसिन भिश्ती खरीदता है, महमूद सिपाही, नूरे वकी
बलौनों को ललचाई आँखों से देखता है।
शम:
X
हामिद अपने मित्रों के साथ कहाँ गया ?
नमान पूरी होते ही बच्चे कहाँ गये ?
हामिद के पास कितने पैसे थे?
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for the first time in the morning and I don't know what to do it again and again and y I don't know what to do it again and again and again and again and again and again and again and again and again and again and again and again and again and again and it was a little bit ago when I get to see the is it going to
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mamatha
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mamarha
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