नमस्कार मित्रों,
आज का प्रश्न यह रहा
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❢ ज़रा सोचिए अगर आपको 1 दिन के लिए भगवान बना दिया जाए तो आप जरूरतमंदों या अपने भक्तों की क्या और कैसे मदद करेंगे l
[ अपने उत्तर में यह चीजें भी जोड़िए ]
✵ दुनिया में ऐसी कौन सी चीजें है जिन्हें आप बदलना चाहेंगे, और क्यों ?
✵ जैसा कि हम सब जानते हैं आजकल स्त्रियों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, तो उनकी सुरक्षा के लिए आप क्या प्रबंध कर सकते हैं ?
✵ आप गरीबों तथा जरूरतमंदों के लिए क्या करेंगे या कर सकते हैं ?
✵ आप भ्रष्टाचार को कैसे खत्म करेंगे ?
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उत्तर हिंदी में तथा सार्थक होना चाहिए l
☺☺☺
Swarup1998:
Thanks for this beautiful question. (:
Answers
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78
Hey mate here your answer is.....
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अगर मुझे 1 दिन के लिए भगवान बना दिया जाए तो मैं जरूरतमंदों या अपने भक्तों की तहेदिल से मदद करूंगीl
✨दुनिया में ऐसी बहुत सी चीजें है जिन्हें बदलने की जरूरत है।जैसे:-गरीब बच्चों की शिक्षा मिलनी चाहिए, लडकी को भी पढाई जाए, लड़का और लड़की में भेदभाव खत्म किया जाए, छोटे बच्चों से जबरदस्ती काम ना करवाया जाए आदि।हमारे देश में इन सब चीजों के विकास की जरूरत है।
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✨ हम सभी जानते है की हमारा देश हिंदुस्तान पूरे विश्व में अपनी अलग रीती रिवाज़ तथा संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। भारत में प्राचीन काल से ही यह परंपरा रही है की यहाँ महिलाओं को समाज में विशिष्ट आदर एवं सम्मान दिया जाता है। भारत वह देश है जहाँ महिलाओं की सुरक्षा और इज्ज़त का खास ख्याल रखा जाता है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है। अगर हम इक्कीसवीं सदी की बात करे तो महिलाएं हर कार्यक्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला काम कर रही है चाहे वो राजनीति, बैंक, विद्यालय, खेल, पुलिस, रक्षा क्षेत्र, खुद का कारोबार हो या आसमान में उड़ने की अभिलाषा हो।
हम यह तो नही कह सकते की हमारे देश में महिला सुरक्षा को लेकर कोई मुद्दा नहीं है परन्तु हम कुछ सकारात्मक बिंदुओ को अनदेखा भी नहीं कर सकते। अगर हम अपने इतिहास पर नज़र डाले तो हम देखते है की उस ज़माने में पांचाली प्रथा होती थी जिसके तहत एक महिला (द्रौपदी) को पाँच पुरुषों (पांडव) से विवाह करने की अनुमति दी गई थी। ये तो वो तथ्य है जो हम सब जानते है परंतु अगर पर्दे के पीछे की बात की जाये तो दफ्तरों, घरों, सड़को आदि पर महिलाओं पर किये गए अत्याचारों से अनजान है। पिछले कुछ समय में ही महिलाओं पर तेज़ाब फेंकना, बलात्कार, यौन उत्पीड़न जैसी वारदातों में एकाएक वृद्धि आई है। इन घटनाओं को देखने के बाद तो लगता है की महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है।
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✨ भ्रष्टाचार यानी भ्रष्ट आचार या व्यवहार, जिससे आज समाज के हर वर्ग के लोग शामिल है, जुड़े है।इनकी या इन जैसे लोगो का अपना एक अलग ही ग्रुप है, जिसमे लोगो के बीच एक दूसरे से आगे निकालने की होड़ लगी है।दबित और शोषित वर्ग के लोग दिन प्रतिदिन भ्रष्टाचार से और भी दबते जा रहे है।मनुष्यो के मन का डर इस भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ज़िम्मेवार है।भ्रष्टाचारी कोई भी हो सकता है, सिर्फ सरकारी दफ्तर मे काम करनेवाले ही भ्रष्टाचार नहीं करते बल्कि औटोवाला, मजदूर, मिस्त्री, दुकानदार, प्राइवेट दफ्तरो मे काम करने वाले से लेकर प्यार मोहबत करने वाले भी।
भ्रष्टाचार दूर करने के उपाय :-
1. लोकपाल कानून लागू करने के लिए आवश्यक है।
2. संक्षिप्त और कारगर कानून हो।
3. जिसे मैं अपने शपथ के साथ शुरू करू कि न तो रिश्वत ले और न ही रिश्वत दे।
4. प्रशासनिक मामलों में पारदर्शिता बनाए और जनता को भागीदार बनाए।
5. न्यायालय मे मामला त्वरित निपटारा हो।
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HOPE IT WILL HELP YOU....
IF SO THAN MARK IT AS BRAINLYT....
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अगर मुझे 1 दिन के लिए भगवान बना दिया जाए तो मैं जरूरतमंदों या अपने भक्तों की तहेदिल से मदद करूंगीl
✨दुनिया में ऐसी बहुत सी चीजें है जिन्हें बदलने की जरूरत है।जैसे:-गरीब बच्चों की शिक्षा मिलनी चाहिए, लडकी को भी पढाई जाए, लड़का और लड़की में भेदभाव खत्म किया जाए, छोटे बच्चों से जबरदस्ती काम ना करवाया जाए आदि।हमारे देश में इन सब चीजों के विकास की जरूरत है।
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✨ हम सभी जानते है की हमारा देश हिंदुस्तान पूरे विश्व में अपनी अलग रीती रिवाज़ तथा संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। भारत में प्राचीन काल से ही यह परंपरा रही है की यहाँ महिलाओं को समाज में विशिष्ट आदर एवं सम्मान दिया जाता है। भारत वह देश है जहाँ महिलाओं की सुरक्षा और इज्ज़त का खास ख्याल रखा जाता है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है। अगर हम इक्कीसवीं सदी की बात करे तो महिलाएं हर कार्यक्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला काम कर रही है चाहे वो राजनीति, बैंक, विद्यालय, खेल, पुलिस, रक्षा क्षेत्र, खुद का कारोबार हो या आसमान में उड़ने की अभिलाषा हो।
हम यह तो नही कह सकते की हमारे देश में महिला सुरक्षा को लेकर कोई मुद्दा नहीं है परन्तु हम कुछ सकारात्मक बिंदुओ को अनदेखा भी नहीं कर सकते। अगर हम अपने इतिहास पर नज़र डाले तो हम देखते है की उस ज़माने में पांचाली प्रथा होती थी जिसके तहत एक महिला (द्रौपदी) को पाँच पुरुषों (पांडव) से विवाह करने की अनुमति दी गई थी। ये तो वो तथ्य है जो हम सब जानते है परंतु अगर पर्दे के पीछे की बात की जाये तो दफ्तरों, घरों, सड़को आदि पर महिलाओं पर किये गए अत्याचारों से अनजान है। पिछले कुछ समय में ही महिलाओं पर तेज़ाब फेंकना, बलात्कार, यौन उत्पीड़न जैसी वारदातों में एकाएक वृद्धि आई है। इन घटनाओं को देखने के बाद तो लगता है की महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है।
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✨ भ्रष्टाचार यानी भ्रष्ट आचार या व्यवहार, जिससे आज समाज के हर वर्ग के लोग शामिल है, जुड़े है।इनकी या इन जैसे लोगो का अपना एक अलग ही ग्रुप है, जिसमे लोगो के बीच एक दूसरे से आगे निकालने की होड़ लगी है।दबित और शोषित वर्ग के लोग दिन प्रतिदिन भ्रष्टाचार से और भी दबते जा रहे है।मनुष्यो के मन का डर इस भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ज़िम्मेवार है।भ्रष्टाचारी कोई भी हो सकता है, सिर्फ सरकारी दफ्तर मे काम करनेवाले ही भ्रष्टाचार नहीं करते बल्कि औटोवाला, मजदूर, मिस्त्री, दुकानदार, प्राइवेट दफ्तरो मे काम करने वाले से लेकर प्यार मोहबत करने वाले भी।
भ्रष्टाचार दूर करने के उपाय :-
1. लोकपाल कानून लागू करने के लिए आवश्यक है।
2. संक्षिप्त और कारगर कानून हो।
3. जिसे मैं अपने शपथ के साथ शुरू करू कि न तो रिश्वत ले और न ही रिश्वत दे।
4. प्रशासनिक मामलों में पारदर्शिता बनाए और जनता को भागीदार बनाए।
5. न्यायालय मे मामला त्वरित निपटारा हो।
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HOPE IT WILL HELP YOU....
IF SO THAN MARK IT AS BRAINLYT....
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नमस्ते मित्र!
हम सभी लोग आजीवन कुछ ऐसा करने का प्रयास करते हैं जिस्से हम औरों के लिए गण्नीय बन जाए। यदि मुझे भगवान बन्ने का अवसर प्राप्त हो तो मैं इस समाज में व्याप्त संकीर्णविचार धारा को समाप्त करूंगी।
मेरे निम्नलिखित प्रयास होंगे -
१ मैं इस समाज में चीज़ों को बदलने की इच्छा रखती हू -
क. रूणीविचार धारा - अर्थात् समाज में व्याप्त उस संकीर्णता को खत्म करना जिसके लोग शिकार हैं। मनुष्य जीवन में प्रभू को खुश करने के लिए उन हदों तक चला जाता है जो उचित नहीं होती। जैसे किसी मनुष्य या पक्षु की बली चढ़ाना।
ख. संकीर्णविचार धारा - मनुष्य किसी संप्रदाए से जुड़कर उस धर्म के प्रति संकीर्णता अपना लेता है। इसके लिए वह हिंसा भी अपना लेता है।
● ऐसे में मैं इस संसार में लोगों की उस सोच को खत्म करूंगी जिसक कारण लोग हिंसा करते हैं और रूणी वादी बनते हैं। क्योंकी प्रभू तो एक है और इस प्रकार हम सब भी भाई - बहन हुए, तो मत्भेद क्यों?
२ प्राचीन काल से ही स्त्रियों पे अत्याचार हुआ है। हम हमेशा स्ज्त्री को पुरुष से कम मानते है परंतु भगवान ने सबको एक नज़र से बनाया है, तो ऐसा भेदभाव अनुचित है।
इसे समाप्त करने के लिए मैं हर मनुष्य के स्वप्न के द्वारा उसे वह दरपन दिखाऊंगीं जिसे न देखकर मनुष्य भेद भाव करता है।
¤ हर स्त्री की सुरक्षा का पात्र पुरुष माना जाता है, ऐसे में मैं सर्वस्त्रियों को उनकी शक्ती से मिलाव करवाऊँगी जिसे वह नहीं अपनाती हैं।
● अंततः हर मनुष्य के मन में पड़ ऊँच - नीच का पर्दा हटाऊँगी।
३ संसार मे हम धन के आधार पर गरीब - अमीर का बेद करते हैं परंतु आत्मज्ञानी व्यक्ती सत्य का अमीर होता है। समाज के कई गरीब बच्चे समझदार होते है, उनके लिए मै मनुष्य को वह सद्बुद्धी दूंगी जिस्से वह गरीब अमीर में भेद न कर सबको ज्ञान समान दे।
● क्योंकी जाती- पाते, भेद भाव मनुष्य ने बनाए है, कोई धर्म इस ऊँच नीच कि पुष्टी नहों करता।
४ मनुष्य भ्रष्टाचार अपना जीवन सुखी बनाने के लिए कलता है। पर इसके साथ वह अपने वतन और गरीब को धोखा देता है। मनुष्य की इच्छा शक्ती ही उसे शसक्त बना सकती है।
● अर्थात् मैं लोगों को उस ज्ञान से परिचित कराऊँगी जिस्से मनुष्य अपने वतक के कर्तव्यों के प्रति ज़िम्मेदार हो। हर मनुष्य के अंदर वफा का गुण होना आवश्यक है।
■ हम सब इस संसार में रहकर कुछ नया करना चाहते हैं। यह आवश्यक नहीं कि हम कुछ अलग करने के लाए भगवान बने बल्कि हम यह कार्य मनुष्य बनकर भी कर सकते है। ज़रूरत तो केवल इच्छा शक्ती की है जिस्से संसार में परिवर्तन लाया जा सके। ■
इस सुंदर प्रश्न के लिए धन्यवाद!
आशा है आपको उत्तर पसंद आया हो!
धन्यवाद!
हम सभी लोग आजीवन कुछ ऐसा करने का प्रयास करते हैं जिस्से हम औरों के लिए गण्नीय बन जाए। यदि मुझे भगवान बन्ने का अवसर प्राप्त हो तो मैं इस समाज में व्याप्त संकीर्णविचार धारा को समाप्त करूंगी।
मेरे निम्नलिखित प्रयास होंगे -
१ मैं इस समाज में चीज़ों को बदलने की इच्छा रखती हू -
क. रूणीविचार धारा - अर्थात् समाज में व्याप्त उस संकीर्णता को खत्म करना जिसके लोग शिकार हैं। मनुष्य जीवन में प्रभू को खुश करने के लिए उन हदों तक चला जाता है जो उचित नहीं होती। जैसे किसी मनुष्य या पक्षु की बली चढ़ाना।
ख. संकीर्णविचार धारा - मनुष्य किसी संप्रदाए से जुड़कर उस धर्म के प्रति संकीर्णता अपना लेता है। इसके लिए वह हिंसा भी अपना लेता है।
● ऐसे में मैं इस संसार में लोगों की उस सोच को खत्म करूंगी जिसक कारण लोग हिंसा करते हैं और रूणी वादी बनते हैं। क्योंकी प्रभू तो एक है और इस प्रकार हम सब भी भाई - बहन हुए, तो मत्भेद क्यों?
२ प्राचीन काल से ही स्त्रियों पे अत्याचार हुआ है। हम हमेशा स्ज्त्री को पुरुष से कम मानते है परंतु भगवान ने सबको एक नज़र से बनाया है, तो ऐसा भेदभाव अनुचित है।
इसे समाप्त करने के लिए मैं हर मनुष्य के स्वप्न के द्वारा उसे वह दरपन दिखाऊंगीं जिसे न देखकर मनुष्य भेद भाव करता है।
¤ हर स्त्री की सुरक्षा का पात्र पुरुष माना जाता है, ऐसे में मैं सर्वस्त्रियों को उनकी शक्ती से मिलाव करवाऊँगी जिसे वह नहीं अपनाती हैं।
● अंततः हर मनुष्य के मन में पड़ ऊँच - नीच का पर्दा हटाऊँगी।
३ संसार मे हम धन के आधार पर गरीब - अमीर का बेद करते हैं परंतु आत्मज्ञानी व्यक्ती सत्य का अमीर होता है। समाज के कई गरीब बच्चे समझदार होते है, उनके लिए मै मनुष्य को वह सद्बुद्धी दूंगी जिस्से वह गरीब अमीर में भेद न कर सबको ज्ञान समान दे।
● क्योंकी जाती- पाते, भेद भाव मनुष्य ने बनाए है, कोई धर्म इस ऊँच नीच कि पुष्टी नहों करता।
४ मनुष्य भ्रष्टाचार अपना जीवन सुखी बनाने के लिए कलता है। पर इसके साथ वह अपने वतन और गरीब को धोखा देता है। मनुष्य की इच्छा शक्ती ही उसे शसक्त बना सकती है।
● अर्थात् मैं लोगों को उस ज्ञान से परिचित कराऊँगी जिस्से मनुष्य अपने वतक के कर्तव्यों के प्रति ज़िम्मेदार हो। हर मनुष्य के अंदर वफा का गुण होना आवश्यक है।
■ हम सब इस संसार में रहकर कुछ नया करना चाहते हैं। यह आवश्यक नहीं कि हम कुछ अलग करने के लाए भगवान बने बल्कि हम यह कार्य मनुष्य बनकर भी कर सकते है। ज़रूरत तो केवल इच्छा शक्ती की है जिस्से संसार में परिवर्तन लाया जा सके। ■
इस सुंदर प्रश्न के लिए धन्यवाद!
आशा है आपको उत्तर पसंद आया हो!
धन्यवाद!
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