नन्दी सब श्वेत, भाल की चन्द्रकला भी श्वेत।
उत्तर-पृष्ठ संख्या 107 एवं 118 देखें।
प्रश्न 25. निम्नलिखित पद्यांश की प्रसंग एवं सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिए
जो पूर्व में हमको अशिक्षित या असभ्य बता रहे
वे लोग या तो अज्ञ हैं या पक्षपात जता रहे।
यदि हम अशिक्षित थे, कहें तो सभ्य वे कैसे हुए?
वे आप ऐसे भी नहीं थे, आज हम जैसे हुए।
अथवा
कबिरा संगति साधु की, जो करि जाने कोय।
सकल बिरछ चन्दन भये, बाँस न चन्दन होय॥
कबीर कुसंग न कीजिये, पाथर जल न तिराय।
कदली सीप भुजंग मुख, एक बूंद तिर भाय॥
उत्तर-पृष्ठ 50 एवं 43 देखें।
पशन 26. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए
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अरे छोटे प्रश्न ङालते चलना हमे पता है। तु कितना स्मार्ट है चल निकल भिकारी
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