ननम्नलिखखत पद्र् अितरणों को ध्र्ानपूियक पढ़ें ि उनसे संबंधित प्रश्नों के उत्तर िें(ख) नर हो न ननराश करो मन को कुछ काम करो कुछ काम करो,
जग में रहकर ननज नाम करो।
र्ह जन्म हुआ ककस अथय अहो। समझो जजससे र्ह व्र्थय न हो।
कुछ तो उपर्ुक्त करो तन को,नर हो न ननराश करो मन को।
सूँभिो कक सुर्ोग न जाए चिा,कब व्र्थय हुआ सिपु ार् भिा?
समझो न जग को ननरा सपना,पथ आप प्रशस्त करो अपना।
अखखिेश्िर हैअििम्बन को,नर हो न ननराश करो मन को।।
जब प्राप्त तुम्हें सब तत्ि र्हाूँ, किर जा सकता िह तत्ि कहाूँ,तुम स्ित्ि सुिा रस पान करो, िि रूप रहो भि कानन को
नर हो न ननराश करो मन को।।
(i)काव्र्ांश में िेशिालशर्ों को क्र्ा प्रेरणा िी गर्ी है?
क- अच्छे कमय करने की ख-ननराशा से बचने की
ग-जीिन को साथयक बनाने की घ-र्े सभी
(ii) सच्चे मन से ककर्ा गर्ा प्रर्ास कभी………
क-असिि हो जाता है। ख- बेकार नही जाता
ग-आसान नही होता घ-कभी असिि होता हैहमेशा नही
(iii) “ अमरत्व ववधान करे” का आशर् है-
क-िेिताओं की पूजा करना ख-अच्छे कमय करके अमर हो जाना
ग-अमर होने के उपार् सोचना घ-अच्छी बातें सोचना और कल्पना करना
(iv) “अखखलेश्वर” का संधि-विच्छेि है-
क-अखखिा+इश्िर ख- अखखि+ऐश्िर
ग-अखखिेश+िर घ- अखखि+ईश्िर
(v) “उपयुक्त” शब्ि का विपरीताथयक है-
क-प्रर्ुक्त ख-प्रर्ुक्त ग- अनुपर्ुक्त घ-र्े सभी
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your answer is too long ask one by one so that i can answer..
can you follow me..
?
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vampires gmerz bro your not pro I'm pro your bot
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