ननम्ननरखखत गद्यॊश को ध्मयनऩूर्वक ऩढ़कय नीचे ठदए गए प्रश्नों के उत्तय नरखखए – [5] ठकतने ही सयर फीत गए । सयरों फयद आज ठपय एक शयद ऋतु आई है । नभनी की सगयई ऩक्की होगी हभयये घय ऩय आज अॉधेये से ही शहनयई फज यही है । भेयी भीनय कय आज ब्मयह है । भई अऩने नरखने ऩढ़ने के कभये भें फैिय हुआ ठहसयफ नरख यहय थय । इतने भें यहभत आमय औय सरयभ कयके खड़य हो गमय । ऩहरे तो भैंउसे ऩहचयन न सकय । उसके ऩयस न तो झोरी थी, न र्ैसे रॊफे-रॊफे फयर थे औय न चेहये ऩय ऩहरे जैसय तेज़ ही थय । अॊत भें उसकी भुसकययहट देखकय ऩहचयन सकय ठक र्ह यहभत है । भैंने ऩूछय,“क्मों यहभत ! कफ आए ?” उसने कहय, “कर शयभ को जेर से छूटय हूॉ ।” भैंने उससे कहय, “आज हभयये घय भें एक ज़रूयी कयभ है सो आज भैं उसभे रगय हुआ हूॉ । आज तुभ जयओ,ठपय आनय ।”
प्र.1 सयरों फयद कौन आमय औय कहयॉ आमय ? 1
प्र.2. रेखक के घय भें कौन-सय ज़रूयी कयभ थय ?
प्र.3. उसने कहय कर शयभ को जेर से छूटय हूॉ – सही वर्ययभ नचह्न रगयकय
र्यक्म नरखखए । 1
प्र.4. ठकसकी शयदी कय खजक्र ठकमय गमय है ? 1
प्र.5. प्रस्तुत गद्यॊश कय उऩमुक्त शीर्वक दीखजए ।
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