nanha sangeetkar kahani ke aadhar par jen ki sangeet priyata par apna vichar prakat karein.
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Explanation:नन्हा संगीतकार कहानी एक ऐसे गरीब बालक की कहानी है, जो बेहद गरीब और शरीर से बेहद कमजोर था।
बेहद गरीब परिवार से होने के कारण उसे ठीक से पोषण भी नहीं मिल पाता। जब उसका जन्म हुआ तो वह बेहद कमजोर था और गरीबी के कारण उसे ढंग से खाना भी नहीं मिल पाता था और वह हमेशा कमजोर ही रहा। अभावों में पलते-पलते वह 10 बरस का हो गया। भले वह बेहद गरीब था लेकिन उसके मन में संगीत के प्रति रुचि थी और वह जब भी जंगल में पशुओं को चराने जाता था तो वहां के प्रकृति के मधुर संगीत में खोया रहता था। वह अपने घर के पास की बार में बजने वाले संगीत को देख कर भी उस में खो जाता था। वहाँ पर वायलिन को बजते देखकर उसका मन भी वायलिन बजाने के करता था।
उसे एक वायलिन को हासिल करने की अभलाषा जग उठी थी ताकि वो उसे बजाकर अपनी मन की लालसा को शांत कर सके। लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह एक अच्छी सी वायलिन खरीद सके क्योंकि उसकी माँ बेहद गरीब थी। उसने किसी तरह जुगाड़ करके एक सारंगी बना ली लेकिन वह वायलिन जैसी नही बज पाती थी। उसके पड़ोस उसके पड़ोस में एक मकान था जहाँ पर एक वायलिन टंगी रहती थी। एक दिन उसके मन में मकान खाली देखकर ऐसा विचार आया कि उसे वो वायलिन निकालकर बजानी चाहिये।
इस तरह वह उस घर में घुस गया, लेकिन वह पकड़ लिया गया और उसे चोर समझ कर अदालत में पेश किया गया। जहाँ पर जज ने उसकी कमजोर हालत देख कर उसे जेल तो नहीं भेजा लेकिन चौकीदार द्वारा डंडे से मारने की सजा दी। चौकीदार ने इतना मारा कि वह अधमरा हो गया और दो-तीन बाद वह चल बसा। उस बालक में एक संगीतकार बसता था जो वाद्य यंत्रों को बचाना चाहता था, लेकिन अपनी गरीबी के कारण वाद्य यंत्रों को खरीद नहीं पाया। अपने हालातों से मजबूर होकर किसी दूसरे वायलिन को पाने की चाहत में वह चोर बन बैठा और अपनी जान गवाँ बैठा, यही इस कहानी की मार्मिकता है।