नरमपंथी किसे कहते है? आधुनिक भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में इनके महत्व की विवेचन कीजिये?
Answers
Answer:
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में 1885 से 1905 तक का काल उदारवादी काल कहलाता हैं। इस समय कांग्रेस का नेतृत्व नरमपंथी ( उदारवादी) नेताओं के हाथों मे था।
Explanation:
नरमपंथी नेताओं का दृष्टिकोण सुधारवादी था। ये संवैधानिक तरीकों से अपनी मांगों को ब्रिटिश सरकार के समक्ष रखते थे। ये प्रार्थना पत्रों, स्मृति पत्रों, आदि के माध्यम से अपनी मांग रखते थे। ये अंग्रेजो में न्यायप्रियता में विश्वास करते थे और अंग्रेजी शासन को भारत के लिए वरदान मानते थे। इनमें प्रमुख थे - दादा भाई नारौजी, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी, फिरोजशाह मेहता आदि।
अपनी मांगे मनवाने हेतु इन्होने ब्रिटेन में दादाभाई नारौजी की अध्यक्षता में 1887 में भारतीय सुधार समिति की स्थापना की।
उपलब्धियां
1886 में लोक सेवा आयोंग की स्थापना तथा भारत व इंग्लैण्ड में एक साथ परीक्षा कराने पर सहमति
भारतीय व्यय की समीक्षा हेतु वैलबाई आयोग की स्थापना।
1892 का भारत परिषद अधिनियम पारित कराना
धन निष्कासन सिद्धान्त देना
भारतीयों को आधुनिक औधोगिक विकास का महत्व समझाना
आर्थिक इतिहास पर पुस्तकें लिखना, जिसके कारण यह काल आर्थिक राष्ट्रीयतावादी युग भी कहा जाता हैं। आदि उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं।