nari shiksha par ek anuched
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मानव जाति की प्रगति का इतिहास शिक्षा के इतिहास की नींव पर लिखा गया है । अत: यह आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति-चाहे वह पुरुष हो अथवा स्त्री-शिक्षित हो । स्त्रियों को भी पुरुषों की भांति ही शिक्षा मिलनी चाहिए, अन्यथा सही अर्थो में न तो शांति हो सकती है और न प्रगति ही ।
स्त्री और पुरुष परिवार रूपी गाड़ी में जुते दो घोडों के समान होते हैं । यदि गाड़ी में जुता एक घोड़ा बड़ा सधा हुआ और प्रशिक्षित हो तथा दूसरा जंगल से पकड़कर बिना प्रशिक्षण के लिए जोत दिया जाये, तो ऐसी गाड़ी में सवार व्यक्तियों का जीवन भगवान के भरोसे पर ही रहेगा, क्योंकि वह कहीं भी टकरा कर नष्ट हो सकती है । परिवार की गाड़ी ऐसे बेमेल जोडों द्वारा ठीक से शांतिएपूर्वक अधिक समय तक नहीं चल सकती ।
स्त्री शिक्षा की आवश्यकता:नेपोलियन से एक बार पूछा गया कि फ्रांस की प्रगति की सबसे बड़ी समस्या क्या है ? उसने उत्तर दिया, “मातृभूमि की प्रगति शिक्षित और समझदार माताओं के बिना असभव है ।” किसी देश की स्त्रियाँ यदि शिक्षित न हों, तो उस देश की लगभग आधी आबादी अज्ञान रह जायेगी ।
परिणाम यह होगा कि ऐसा देश ससार के अन्य देशो की भाँति प्रगति और उन्नति नहीं कर सकेगा । यह ठीक ही कहा गया है कि एक पुरुष को शिक्षा देने से वह अकेला शिक्षित होता है लेकिन स्त्री की शिक्षा से समूचा परिवार अज्ञान के अधेरे से निकल कर शिक्षित हो सकता है ।
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Explanation:
मानव जाति की प्रगति का इतिहास शिक्षा के इतिहास की नींव पर लिखा गया है
। अत: यह आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति-चाहे वह पुरुष हो अथवा
स्त्री-शिक्षित हो । स्त्रियों को भी पुरुषों की भांति ही शिक्षा मिलनी
चाहिए, अन्यथा सही अर्थो में न तो शांति हो सकती है और न प्रगति ही ।
स्त्री
और पुरुष परिवार रूपी गाड़ी में जुते दो घोडों के समान होते हैं । यदि गाड़ी
में जुता एक घोड़ा बड़ा सधा हुआ और प्रशिक्षित हो तथा दूसरा जंगल से पकड़कर
बिना प्रशिक्षण के लिए जोत दिया जाये, तो ऐसी गाड़ी में सवार व्यक्तियों का
जीवन भगवान के भरोसे पर ही रहेगा, क्योंकि वह कहीं भी टकरा कर नष्ट हो सकती
है । परिवार की गाड़ी ऐसे बेमेल जोडों द्वारा ठीक से शांतिएपूर्वक अधिक समय
तक नहीं चल सकती ।
स्त्री शिक्षा की आवश्यकता:
नेपोलियन
से एक बार पूछा गया कि फ्रांस की प्रगति की सबसे बड़ी समस्या क्या है ?
उसने उत्तर दिया, “मातृभूमि की प्रगति शिक्षित और समझदार माताओं के बिना
असभव है ।” किसी देश की स्त्रियाँ यदि शिक्षित न हों, तो उस देश की लगभग
आधी आबादी अज्ञान रह जायेगी ।
परिणाम यह होगा कि ऐसा देश ससार के
अन्य देशो की भाँति प्रगति और उन्नति नहीं कर सकेगा । यह ठीक ही कहा गया है
कि एक पुरुष को शिक्षा देने से वह अकेला शिक्षित होता है लेकिन स्त्री की
शिक्षा से समूचा परिवार अज्ञान के अधेरे से निकल कर शिक्षित हो सकता है ।