Hindi, asked by naranchhabhaiya, 1 month ago

नशा और आज का युवा
संकेत बिंदु-1.नशे के प्रकार
2.कारण और दुष्परिणाम
3. दूर रहने के उपाय​

Answers

Answered by himanic271
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Explanation:

अनुभूतियों और संवेदनाओं का केंद्र मनुष्य का मस्तिष्क है। सुख-दु:ख का, कष्ट-आनंद का, सुविधा और अभावों का अनुभव मस्तिष्क को ही होता है तथा मस्तिष्क ही प्रतिकूलताओं को अनुकूलता में बदलने के जोड़-तोड़ बिठाता है।

कई व्यक्ति इन समस्याओं से घबराकर अपना जीवन ही नष्ट कर डालते हैं। परंतु अधिकांश व्यक्ति जीवन से पलायन करने के लिए कुछ ऐसे उपाय अपनातेे हैंं, जैसे शुतुरमुर्ग आसन्न संकट को देखकर अपना सिर रेत में छुपा लेता है। इस तरह की पलायनवादी प्रवृत्तियों में मुख्य है मादक द्रव्यों की शरण में जाना। शराब, गांजा, भांग, चरस, अफीम, ताड़ी आदि नशे वास्तविक जीवन से पलायन करने की इसी मनोवृत्ति के परिचायक हैं। लोग इनकी शरण में आकर या तो जीवन की समस्याओं से घबरा जाते हैं अथवा अपने संगी-साथियों को देखकर इन्हें अपनाकर पहले से ही अपना मनोबल चौपट कर लेते हैं।

 

मादक द्रव्यों के प्रभाव से वह अपनी अनुभूतियों, संवेदनाओं तथा भावनाओं के साथ-साथ सामान्य समझ-बूझ और सोचने-विचारने की क्षमता भी खो देता है। मादक द्रव्य इतने उत्तेजक होते हैं कि सेवन करने वाले को तत्काल ही अपने आसपास की दुनिया से काट देते हैं और उससे विक्षिप्त कर देते हैं। दो उदाहरण, जो मादक द्रव्यों के प्रभाव एवं उनकी विध्वंसता को दर्शाते हैं-

 

1. कैलीफोर्निया के एक एलएसडी प्रेमी को नशे की झोंक में यह सनक सवार हो गई कि वह पक्षियों की तरह हवा में उड़ सकता है। इसी सनक को पूरा कर दिखाने के लिए वह एक इमारत की 10वीं मंजिल पर चढ़ा और वहां से कूद पड़ा और मौत का शिकार बन गया।

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