natak ekanki Mein antar
Answers
Answer : hindi sahitya main kai sari gadya vidhayen hai jinme se natak ek bahut hi pramukh gadya vidha hai iske alawa kai chodi badi vidhayen or hai jinme ekanki shamil hai . hindi sahitya mai natak k janmdata bharatmuni ko mana gaya hai ab nimnlikhit binduon se natak evam ekanki main antar saf ho jayega
Explanation:
Natak 》 natak dreshya shrvya gadya hai jise dekha evam suna dono ja sakta hai natak kai antargat natak kar kai sare vishayon ko lekar ek natak ki rachna karta hain jisme kai sare ankon dwara vah apne natak ko vidyarthi ya aam janta tak pohochaya jata hai. natqk mai 5 se 6 mukhya patra hote hain tatha 10 se 12 sahayak patra hote hai nakat k antargar kai sare alag alag drashoyon ki vajah se bahut sari jagaho evam vahan ke vatavqrn ka varnan purn rup se kiya jata hai ant main yadi smjha jaye toh natak mai bahut sare ank hote hain tatha ek hi natakmain natak kar vibhinn vishyon ko prastut karne mai saksham hota hai natak bade paimane per likhe jate hai .
EKANKI 》 ekanki bhi ek drshya evam shrvya kavya hai magar ekanki natak se kai mayno mai alag hai kyunki natakon ko bade paimane per likha jata hai parantu ekanki choti hoti hai jisme keval ek ank hota hai jaisa ki isko bolne mai sunai deta hai ek+ank+e isme sirf ek hi ank hota hai jisme chote chote drashya hote hai tatha sath hi ekani ek hi vishay per aadhirt hota hai jisme bahut kar 2 se 3 mujhya patra hote hai tatha 4 se 5 sahayak patra hote hai
toh is tarah natak evan ekanki mai kuch samanta hone per bhi kai sari bhinntayen hai .
नाटक और एकांकी में अंतर
नाटक क्या है
नाटक काव्य का हिस्सा है जो दृश्य काव्य में आता है , इसे यदि आसान भाषा में समझाया जाये तो जो लोग थिएटर, टीवी, रेडियो पे किसी कहानी को विस्तार में प्रस्तुत करते हैं वो भी अभिनय करते हुए , उसे ही हम नाटक कहते हैं | नाटक में कई पात्र होते हैं जिन सभी के अपने नाम होते हैं और उन्हें अपने अपने किरदार के अनुसार अभिनय करना होता है | नाटक में कई लोग मिलके परफॉर्म करते हैं और इसमें किसी भी वाक्या को या कोई पूरी कहानी को भाव के साथ हाथ, पैर, आंख, चेहरा सभी का प्रयोग करके लोगों के सामने उसे ऐसे प्रस्तुत करते हैं जैसे कि वो हमारे सामने ही घटित कहानी है.
एकांकी क्या है
किसी एक अंक वाले नाटक को एकांकी कहा जाता है | अंग्रेजी में इसे हम “वन ऐक्ट प्ले” शब्द से जानते हैं और हिंदी में इसे “एकांकी नाटक” और “एकांकी” के नाम से जाना जाता है | एकांकी का अर्थ होता है कि जब किसी नाटक में किसी एक व्यक्ति का ही पूरा वर्णन हो वो भी उसकी युवावस्था के बाद तो हम उसे एकांकी कहते हैं | ये अधिक विस्तार में नहीं होती है और इसकी गति तीव्र होती है अभिनय के समय. ये भी नाटक की तरह थिएटर, टीवी, रेडियो आदि पे अभिनय के जरिये प्रस्तुत किया जाता है |
नाटक और एकांकी में अंतर
- नाटक में कई लोगों के बारे में प्रस्तुति की जाती है जैसे कि “सीमा, उसकी सखी ललिता, उसके पिता मोहनदास, उसकी माता शीला आदि ” और एकांकी में केवल “सीमा के बारे में ही बताया जायेगा |”
- नाटक में आधिकारिक के साथ उसके सहायक और गौण कथाएं भी होती हैं जबकि एकांकी में एक ही कथा का वर्णन होता है | नाटक में किसी भी पात्र या चरित्र का क्रमश विकास दिखाया जाता है जबकि एकांकी में चरित्र पूर्णतः विकसित रूप से दिखाया जाता है| नाटक की विकास प्रक्रिया धीमी होती है जबकि एकांकी की विकास प्रक्रिया बहुत तीव्र होती है.
- नाटक में कथानक में फैलाव और विस्तार होता है जबकि एकांकी में घनत्व होता है अर्थात नाटक में हम और पात्र और कहानी को बढ़ा सकते हैं जबकि एकांकी में ऐसा नहीं किया जा सकता.